उत्तर नारी डेस्क
डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के संविधान निर्माता कहा जाता है। हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। सभी संविधानों को परखने के बाद इस संविधान का निर्माण कराया गया। संविधान दिवस एक तरह से देश के पहले कानून मंत्री डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है, जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बता दें, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढ़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं।
यह संविधान जब लागू किया गया तो इसका सिर्फ एक ही मकसद था की धार्मिक दंगे, जातिगत युद्ध और लैंगिक असमानता देश के सामाजिक ताने-बाने को खतरे में न डाले।
दूसरा जब भारतीय संविधान अस्तित्व में आया, भारत में महिलाओं को मतदान देने का भी अधिकार मिला।
तीसरा हमारे संविधान को 'Bag of borrowings' के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें अन्य देशों से कई विचारों को शामिल किया गया है।
हमारा सविधान जब लिखा गया तो यह न तो मुद्रित था और न ही टाइप किया गया था यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया.
आज संविधान के प्रति निष्ठा और सम्मान रखते हुए मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर समस्त देशवासियों को 'संविधान दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं दी। और संविधान के प्रति निष्ठा और सम्मान रखते हुए देश में शांति, सद्भाव और सामाजिक समरसता बनाए रखना की भी अपील की।