Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखंड : 11 वर्षों का इंतजार होगा खत्म, जल्द शुरू होगा ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग का काम

 उत्तर नारी डेस्क 

पहाड़ की सड़को पर दोड़ने वाले वाहनों की फिटनेस को आसान बनाने वाली ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग (एएफटी) लेन के लिए 11 वर्षो का लम्बा इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है। ऑटोमेटिक रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया को मंडी समिति की ओर से संशोधित प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसके बाद इसका बजट जारी होगा। 

हरिद्वार और हल्द्वानी में करीब 20 करोड़ की लागत से  2-2 टेस्टिंग लेन बननी हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार करीब 16 करोड़ और राज्य सरकार करीब 4 करोड़ का बजट पास करेगी। 

बता दें, कि करीब 11 वर्ष पहले फिटनेस टेस्टिंग लेन निर्माण के लिए 3 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। परंतु 11 वर्षों में यह लेन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। हालांकि इसके लिए बजट बढ़कर 20 करोड़ पर पहुंच चुका है। 

पहले केंद्र की योजना के तहत उत्तराखंड में केवल एक जगह लेन बननी थी लेकिन अब यह दो जगह हरिद्वार और हल्द्वानी में बननी है। आपको बता दें कि परिवहन विभाग की ओर से इसके लिए जमीन भी चिन्ह्ति की जा चुकी है। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी मंडी समिति को सौंपी गई थी। 

मंडी समिति ने रिसोर्स एजेंसी ऑटोमेटिक रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एआरएआई पुणे को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा था। एआरएआई ने इसमें कुछ संशोधन करने को कहा था। अब परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने इस पर जोर दिया तो मंडी समिति की ओर से नया प्रस्ताव एआरएआई को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर ही योजना का बजट जारी किया जाएगा। 

आपको बता दें, ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन में वाहनों की फिटनेस अत्याधुनिक मशीनों से जाँची जाएगी। जिसके बाद अधिकारियों को इसके लिए अलग से मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। चूंकि उत्तराखंड में वाहनों की संख्या कम है, इसलिए एक शहर के बजाय दो शहरों में इस लेन का निर्माण होगा।

वाहनों की फिटनेस जाँचने के लिए विभाग के पास अभी बहुत अधिक उपकरण नहीं हैं। तकनीकी अधिकारी वाहनों के फौरी निरीक्षण कर इनको फिट अथवा अनफिट करार देते हैं। तकनीकी अधिकारियों के परीक्षण को ही आधार बनाते हुए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी होते हैं। 

ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन के प्रस्ताव में कुछ कमियां थीं, जिसे दूर किया जा रहा है। इसके बाद ही इसका काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्रदेश में दो टेस्टिंग लेन तैयार हो जाएंगी। शासन स्तर से भी इस दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। 

- एसके सिंह, उप परिवहन आयुक्त

Comments