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जहाँ एक ओर शहीद स्वतंत्र सिंह का शव देख बेसुध हुई माँ और पत्नी, वहीं अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ ने वीरता के सुरों से गुंजयमान किया उडियारी गांव

 उत्तर नारी डेस्क 

कहते हैं जब एक सेना का जवान शहीद होता है तो उसके देश के लिए किए बलिदान पर परिवार के साथ पूरा देश बलिदानी के समर्पण पर नाज़ करता है। और एक जवान के जाने से पूरे देश की आंखें नम हो जाती हैं। देश की रक्षा के लिए न जाने कितने जवानों ने अब तक अपनी जान दी होगी। जवानों का अपने देश के प्रति प्यार और उनकी कुर्बानी को कभी भी भूलाया नहीं जा सकता। 

जब भी किसी जवान के शहीद होने की खबर उसके परिवार को मिलती है तो उनके परिवार वालों पर क्या बीती है यह गुरुवार को शहीद हुए स्वतंत्र सिंह के परिवार वालों की हालत को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि उन पर क्या बीती होगी, क्या महसूस कर रहे होंगे, यह तस्वीर बयां कर रही है। 

 आपको बता दें, 16वीं गढ़वाल राइफल के सूबेदार स्वतंत्र सिंह (46) का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए शनिवार तड़के उनके पैतृक गांव उडियारी (द्वारीखाल ब्लाक) ले जाया गया। जहां स्वतंत्र सिंह का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही पूरे इलाके में शोक की लहर उमड़ पड़ी और माहौल बेहद दुःखद हो गया।   स्वतंत्र सिंह का शव देखकर उनकी मां और पत्नी बेसुध हो गए, वहीं बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। 

शहीद सूबेदार का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचते ही, उनकी अंतिम यात्रा में इलाके की भीड़ उमड़ गयी और इस दौरान उत्तराखंड के वीर सपूत की शान में 'भारत माता की जय' के नारे लगाए गए इसके बाद शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसमें मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे। शहीद को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे लोगों में किसी की आंखों में गम दिखा तो कहीं गुस्से से भरी ज्वाला तो कहीं देश के लिए शहीद हुए जवान पर गर्व।

ऐसे वीर बहादुर सिपाहियों की कुर्बानी को  "उत्तर नारी' सलाम करता है और उत्तराखंड के लाल स्वतंत्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन करता है। 

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