उत्तर नारी डेस्क
गंगा हरिद्वार में हर की पैड़ी पर बह रही गंगा की धारा को एस्केप चैनल घोषित करने का आदेश प्रदेश सरकार आज निरस्त कर सकती है। यह शासनादेश 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जारी किया था। तब से इसे निरस्त करने की मांग उठ रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आवास को आदेश निरस्त करने के संबंध में शासनादेश जारी करने के निर्देश दिये। बता दें कि, कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने संतों की बैठक में स्केप चैनल को निरस्त करने की घोषणा की थी। इस फैसले के बाद संत समाज में मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया था।
बता दें, उम्मीद जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा। लेकिन करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी शासन स्तर से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ। वहीं, इस फैसले को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई।
भाजपा ने पूर्व कांग्रेस सरकार में हुए इस आदेश को लेकर निशाना साधा तो इस मसले पर आंदोलन कर रही आम आदमी पार्टी ने भी इसका श्रेय लेने की कोशिश की।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी शासनादेश को लेकर सरकार पर तंज कसा। शासन स्तर पर पूर्व सरकार के समय हुए आदेश को निरस्त करने की फाइल सचिवालय के अफसरों से लेकर मंत्री के कार्यालय के बीच झूल रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आवास शैलेश बगोली को निर्देश दिए कि बुधवार तक स्केप चैनल का आदेश निरस्त हो जाना चाहिए।