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टिहरी : कई कुन्तल कीवी फल पककर तैयार सरकार के विपणन बोर्ड उदासीन

टिहरी संवाददाता विरेन्द्र वर्मा

कैम्पटी : एक तरफ सरकार पलायन को लेकर व स्वरोजगार को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी ओर यदि बात की जाये तो सरकार द्वारा इस कोरोना काल में प्रवासियों एवं बेरोजगारो को बड़े बड़े सपने दिखाये लेकिन सब खोखले ही साबित नजर हुए हैं। 

यदि बात टिहरी जिले के विकासखंड जौनपुर के अंतर्गत नैनबाग के करीब नारायणी उद्यान की करे तो इस उद्यान में उत्तराखण्ड के जाने माने उद्यान पंडित कुंदन सिंह पंवार द्वारा बागवानी में अनेक प्रकार के फलदार वृक्ष लगाये गये है लेकिन बाजार ना होने के कारण इस वर्ष कोरोना काल के दौरान बागवानों को लाखों रुपये का नुकसान हुवा है। वर्तमान समय में बागबानी में कीवी फल का काफी अच्छा उत्पादन हुआ है और यह कई बीमारियों में लाभदायक के साथ-साथ काफी महंगा फल भी है। लेकिन सरकार द्वारा उचित विपणन व्यवस्था ना होने के कारण बागवानी से जुड़े लोगों को लाखों लाखों का नुकसान सहना पड़ रहा है। सरकार किसानों व बेरोजगारों को स्वरोजगार के बहुत बड़े बड़े सपने दिखाती है लेकिन जब तक किसी भी चीज के लिए बाजार उपलब्ध नहीं हो पायेगा तब तक स्वरोजगार के सपने देखना  ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। 

आपको बता दें, कि कुंदन सिंह पंवार द्वारा बागवानी स्वयं ही नहीं आगे बढ़े है बल्कि क्षेत्र में अनेक लोगों को बागवानी हेतु प्रेरित कर स्वरोजगार का मार्ग बताया है। हमारे संवाददाता विरेन्द्र वर्मा जब ग्राउंड जीरो पर बागवानी की रिपोर्टिंग करने पहुँचे तो वहाँ पर उद्यान पंडित कुंदन सिंह पंवार ने खास बातचीत में बताया कि सरकार कितने भी बड़े बड़े सपने दिखाये लेकिन धरातल पर खोखले ही साबित नजर आते हैं उन्होंने बताया कि सरकार ने जितने विपणन बोर्ड भी बनाये है वह सारे उदासीन है यदि सरकार किसानों के हित में अच्छा कार्य नहीं कर सकती है तो फिर इन बड़े-बड़े विपणन बोर्ड को बनाने का फायदा ही क्या है। साथ ही उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलें ऐसी है जो हमारे रीड की हड्डी बन सकती हैं। जिसमें सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए। इससे पलायन को तो मात मिलेगी ही साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ेगा।

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