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उत्तराखण्ड : वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत दो रेजीमेंट को जोड़ने वाली सड़क के लिए रक्षामंत्री से करेंगे मुलाकात

 उत्तर नारी डेस्क 

आजादी से पहले से चली आ रही कंडी रोड़ हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है और इस सड़क के बनने को लेकर हमेशा ही विवाद रहा है क्योंकि यह सड़क कॉर्बेट टाईगर रिज़र्व के बफ्फर जोन से होकर बननी है। आपको बता दें, एक दौर में गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडलों के निवासियों की आवाजाही का यह मुख्य मार्ग हुआ करता था। इसी विवाद को देखते हुए मौजूदा सरकार ने लालढांग-कोटद्वार वाले हिस्से के निर्माण का फैसला लिया और कार्य शुरू भी हुआ था, परन्तु बाद में यह भी वन कानूनों के जाल में उलझ गया, क्योंकि ये सड़क राजाजी टाइगर रिजर्व के बफर जोन से गुजरती है। 

बता दें, कार्बेट टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले इस वन मार्ग को लंबे समय से आम यातायात के लिए खोलने की मांग की जा रही है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर में इसके निर्माण को धनराशि भी अवमुक्त हुई, लेकिन पर्यावरणीय पेच आड़े आ गए। जिसको लेकर अब वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कंडी रोड के निर्माण के लिए रक्षामंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात का फैसला किया है। 

हरक सिंह रावत ने कहा कि यह लैंसडाउन में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट और रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय है और सड़क के बन जाने से दोनों रेजीमेंटों को लैंसडाउन और रानीखेत आने-जाने में न सिर्फ सहूलियत मिलेगी, बल्कि समय भी बचेगा। इसके बनने से राज्यवासियों को उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने की बाध्यता से छुटकारा मिल जाएगा। ऐसे में इसका निर्माण होना आवश्यक है। लिहाजा इसका कार्य निर्माण बिना बाधा पूर्ण हों और आ रही अड़चने कम हों इसी विषय पर हरक सिंह रक्षामंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलहाकर से मिलने का निश्चय किया है ताकि क्षेत्रीय ग्रामीणों को भी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा सके। 

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