उत्तर नारी डेस्क
मामला 22 सितंबर 2017 का बताया जा रहा है। 22 सितंबर को पीड़िता के पिता ने उनकी बेटी के साथ हुए बलात्कार का मुकदमा पुलिस में दर्ज कराया था। जब पुलिस ने मामले की तहकीकात की तो पुलिस भी दंग रह गई क्योंकि दुष्कर्म करने वाला और कोई नहीं छात्रा का शिक्षक था जो कि स्कूल के बाद उसको अपने पास रोक कर जबरदस्ती उसका शारीरिक रूप से शोषण करता था। आरोपी प्रमेश कुमार टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के एक इंटर कॉलेज में इतिहास के प्रवक्ता पद पर तैनात था और उसके ऊपर उसी की नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। 13 सितंबर 2017 को छात्रा ने अपने पेट में बहुत तेज दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद परिजनों ने उसको अस्पताल में भर्ती कराया था जहां पर डॉक्टरों ने उसे 8 महीने की गर्भवती बताया था।
जब परिजनों ने अपनी बेटी से इस बारे में पूछा तो छात्रा ने उनको सारी सच्चाई बता दी। छात्रा ने बताया कि उसके इतिहास का शिक्षक प्रमेश स्कूल की छुट्टी होने के बाद उसको क्लास में रोकता था और उससे कमरा साफ करवाता था और उसको खाने पीने की कुछ चीजों में नशीला पदार्थ भी देता था जिसके बाद वह बेहोश हो जाती थी और वह उसके साथ दुराचार करता था। यह बात किसी को बताने पर वह छात्रा को और उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी भी देता था।
पीड़िता ने बताया कि उसके शिक्षक ने कई बार उसको अपने घर पर बुलाकर भी उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसके घर वालों को यह बात पता लगी तब उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और छात्रा के पिता ने अपनी मासूम बेटी को न्याय दिलाने के लिए कानून के दरवाजे खटखटाए और उन्होंने 22 सितंबर को थाना कैंपटी में मुकदमा दर्ज कराया पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीकृत कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया था।
बता दें, टिहरी में विशेष न्यायाधीश अमित कुमार की अदालत ने बचाव और अभियोजन पक्ष की सभी दलीलें सुनने के बाद आरोपी शिक्षक प्रमेश को दोषी पाते हुए 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है और इसी के साथ राज्य सरकार को पीड़िता को 7 लाख भुगतान करने को भी कहा है।