उत्तर नारी डेस्क
हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी माइग्रेशन करते हुए एशिया महाद्वीप पहुंचते हैं। ऐसे में आए प्रवासी पक्षी से फ़्लू के खतरे भी बढ़ जाते है और बर्ड फ्लू संक्रमण की अधिक आशंका प्रवासी पक्षियों से ही होती है। यह समय इन पक्षियों के एक जगह से दूसरी जगह जाने का भी है। जिसको देखते हुए उत्तराखण्ड शासन ने राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया है। फ़िलहाल अभी तक प्रदेश में कोई भी ऐसा केस नहीं आया है। परन्तु पिछले दिनों हिमाचल, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पक्षी मरे हुए पाए गए। जिन पक्षीओं के ब्लड सैंपल लिए गए उनके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। जिसके बाद से उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
पशुपालन विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी कोई भी ऐसा मामला सामने आता है तो सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजा जाए। पशुपालन निदेशक डॉ.केके जोशी ने बताया कि प्रदेश में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर विभाग की ओर से सभी जिलों को गाइडलाइन जारी कर दी गई है। खासतौर पर पोल्ट्री फॉर्म को लेकर विशेष रूप से एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही उत्तराखण्ड में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग ने संक्रमित राज्यों से मुर्गियों, चूजों और अंडों के आयात पर भी रोक लगा दी है और सभी वन प्रभागों के डीएफओ को अपने-अपने क्षेत्रों की नदियों के साथ ही जंगलों में निगरानी करने को कहा गया है। तो वहीं, पक्षियों में होने वाले फ़्लू की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001208862 भी जारी किया है। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में पक्षियों और मुर्गियों की मौत होने पर तत्काल टोल फ्री नंबर पर सूचना दें।