उत्तर नारी डेस्क
ताज़ा मामला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से जुड़ा है। जहां बीते मंगलवार को एक जनसभा के दौरान बीजेपी नेता भगत ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी और इस बयान का वीडियो कुछ घंटो में ही वायरल होने के बाद उत्तराखंड में सियासी बवाल मच गया। जिसके विरोध में कांग्रेसी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे और बंशीधर बगत से माफ़ी मांगने को मजबूर करने लगे। उत्तराखण्ड में बढ़ते इस सियासी घमासान को रोकने के लिए और बीजेपी के डैमेज कंट्रोल होने से बचाने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रात को ही ट्वीटर पर सार्वजनिक बयान देकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से माफी मांग ली थी।
सीएम त्रिवेंद्र रावत द्वारा उठाए इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है। सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि अपने इस कदम के जरिए सीएम ने राज्य की मातृशक्ति के साथ ही विपक्ष का दिल भी जीत लिया। यही वजह रही कि खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने ट्वीटर पर ट्वीट करके लिखा कि स्वस्थ होते ही नर्सिंग के बच्चों और दिव्यांगों को उपहार देना बहुत अच्छा लगा। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश को लेकर की गई टिप्पणी पर सीएम त्रिवेंद्र रावत के जताए गए खेद को स्वागत योग्य बताते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी ने स्वागत योग्य सूझबूझ का परिचय दिया है साथ ही हरीश रावत ने मुख्यमंत्री के इस कदम को स्वागत योग्य करार दिया। साथ ही उन्होने सीएम को थैंक्यू भी कहा।
बताते चलें की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण से ठीक होकर मंगलवार को अहम फैसले लिए तो वहीं सीएम रावत ने मातृशक्ति के प्रति आदरभाव और सम्मान का परिचय देते हुए ट्वीट कर नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की टिप्पणी के लिए क्षमा भी मांगी। अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा 'आदरणीय इन्दिरा हृदयेश बहन जी आज मैं अति दुखी हूं। महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आप से उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं।'
तो इधर स्वयं बंशीधर भगत ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को लेकर की गयी आपत्तिजनाक टिप्पणी के मामले में फेसबुक पर वीडियो साझा कर माफ़ी मांगी और कहा की इंदिरा हृदयेश प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है। उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था, अगर उन्हें क्षति पहुंची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूं। नारियों का सम्मान करना उनका ही नहीं उनकी पार्टी का भी प्रथम कर्तव्य है।'