उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की धरती पर ऋतुओं के अनुसार कई अनेक पर्व मनाएं जाते हैं और आज पूरे देशभर में इस बार पौष शुक्ल पंचग्रही योग में बृहस्पतिवार को भगवान सूर्यदेव के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति मनाया जा रहा है।ये पर्व हमारी संस्कृति को उजागर करते है वहीं पहाड़ की परम्पराऔ को भी कायम रखे हैं। उत्तराखण्ड में हिन्दी मास (महीने) की प्रत्येक 1 गते यानी संक्रान्ति को लोक पर्व के रुप में मनाने का प्रचलन रहा है। जो की बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व या त्यौहार है, जो कि जनवरी के महीने में 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है। हिन्दू महीने के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। यह एकमात्र ऐसा त्यौहार है जो कि हर साल एक ही तारीख पर आता है वास्तव में यह पर्व सोलर कैलेंडर का पालन करता है और उत्तराखण्ड मे इसे मकरेणी के नाम से जाना जाता है।
इस त्यौहार मे पौड़ी गढ़वाल मे गिंदी मेला और कौथिग मेला लगता है। उत्तराखण्ड राज्य के कुमाउं में मकर सक्रांति पर “घुघुतिया” के नाम से त्यौहार मनाया जाता है। यह कुमाऊँ का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह एक स्थानीय पर्व होने के साथ-साथ स्थानीय लोक उत्सव भी है क्योंकि इस दिन एक विशेष प्रकार का व्यंजन घुघुत बनाया जाता है। इस दिन आटे मे गुड़ चीनी मिलाकर गूंथा जाता है और फिर उसके घुघुत बनाकर उन्हें तला जाता है इस पर्व को उत्तरायणी पर्व के रूप में भी माना जाता है एवम् गढ़वाल में इसे पूर्वी उत्तरप्रदेश की तरह “खिचड़ी सक्रांति” के नाम से मनाया जाता है। इस दिन उत्सव के रूप में स्नान, दान आदि किया जाता है एवं तिल और गुड के पकवान बांटे जाते है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा भी सभी उत्तराखण्ड वासिओं को "मकर संक्रांति" के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी गयी है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक पोस्ट साझा कर लिखा है कि उत्तराखण्ड का लोकपर्व मकरैणी, खिचड़ी संग्रांद, उत्तरैणी, घुघुतिया त्यार, मरोज त्योहार की आप सबि तैं भौत-भौत शुभकामना। हमरी लोकसंस्कृति कि पछ्याण कु यु पर्व आप सबि का जीवन म राजी खुशी लाऊ, सूर्य भगवान सि इनि प्रार्थना च।
उत्तराखण्ड लोकपर्व मकरैणी, खिचड़ी संग्रांति, घुघुतिया त्यार अफु सबु कै भौत-भौत बधै। हमर लोकसंस्कृति पछ्याणे घुघुतिया अफु जीवन में खुशी-समृद्धि लाय, यस मैं भगवन सूर्यदेव ते प्रार्थना करूं।
मरोज त्योहार की तुमुक बहुत बधाई। उत्तराखण्ड मुझ एजो तियार मकरैंणी, खिचड़ी संग्राद, उत्तरायणी, घुघुतिया त्यार के रूप मुझ मनाओ। गड़वाडो बो गिन्दी मेडा, कुमाऊँ बो उत्तरायणी मेडा बेगी हों बांका। जौनसार, बावर के बिला माघ का मीना भी बड़े जोर शोर मुझ लेआ मनाई।