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उत्तराखण्ड : दर्द से तड़पती रही प्रसूता, ठेकेदार ने पुल से गुजरने नहीं दिया वाहन, महिला ने गाड़ी में ही दिया जुड़वा बच्चे को जन्म

जे. पी. जुयाल

हल्द्वानी : एक तरफ प्रसव पीड़ा में दर्द से कहराती महिला तो दूसरी छोर पर लाचार खड़ी एंबुलेंस, हल्द्वानी से सामने आ रहा यह मामला निश्चित ही मानवता पर सवाल खड़ा करने वाला है. लापरवाही भी ऐसी की जरा सी देर एक साथ तीन जिंदगियों को लील सकती थी. हालांकि जुड़वा बच्चों समेत मां की हालत अब सामान्य है मगर इस घटना के बाद ग्रामीणों ने रोष है.

दरअसल हल्द्वानी के रानीबाग क्षेत्र के अमृतपुर गांव निवासी महिला को जब समय से पहले प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो घबराए परिजनों ने प्रसूता को तत्काल अस्पताल ले जाने का फैसला किया. एम्बुलेंस को फोन कर निर्धारित स्थान पर बुलाया गया और महिला को ऑटो में बिठाकर एंबुलेंस तक पहुंचना ही था कि रास्ते में पुल निर्माण के कार्य ने महिला और परिजनों की सांसे थाम कर रख दी.

पुल के एक छोर पर ऑटो में प्रसूता पीड़ा से तड़प रही थी तो पुल के दूसरे छोर पर एंबुलेंस कर्मी भी इस विवशता को तकते रहे, मगर लाख मिन्नते करने के बाद भी ठेकेदार ने दोनों ही वाहनों को पुल से गुजरने की अनुमति नहीं थी. महिला का यह प्रसव समय से पहले था इसलिए उसे लगातार तेज दर्द का सामना करना पड़ रहा था. बार बार निवेदन के बाद भी जब ठेकेदार नहीं माना तो नतीजा यह हुआ कि प्रसूता को ऑटो में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

महिला को एकाएक दर्द के पास उसके साथ आए आशा कर्मी और महिला की सास ने जच्चा बच्चा की जान की जिम्मेदारी खुद के कंधो पर ली. टेम्पो में ही महिला का प्रसव करवाया गया और महिला ने बच्चे को जन्म दिया मगर अभी चुनौती यही खत्म नहीं हुई थी क्योंकि महिला के कोख में दूसरा बच्चा भी था. महिला की सास और आशा कर्मी ने एक बच्चे का तो सफल डिलीवरी कर दी मगर दूसरे बच्चे के प्रसव के समय वे मां बच्चे की जान के खतरे को लेकर भयभीत हो गई.

अब महिला और बच्चे की जान की हिफाजत एक चैलेंज बन गया था जिस पर एंबुलेंस कर्मियों ने जरूरी प्रसव उपकरणों के साथ पैदल ही पुल पार किया और ऑटो में ही महिला की दूसरी डिलीवरी करवाई. जुड़वा नवजात को जन्म देने के बाद महिला को किसी तरह हल्द्वानी पहुंचाया गया.

मां और जुड़वा बच्चे अब हल्द्वानी अस्पताल में उपचाराधीन है. यहां अब तीनों ही हालात ठीक है मगर ठेकेदार की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है. प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला के प्रति संवेदना ना दिखाने के लिए ग्रामीणों ने ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी उठाई है.

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