उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वनाग्नि प्रबंधन एवं सुरक्षा के संबंध में आज अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में सर्वप्रथम वनाग्नि बुझाते समय अपनी जान गंवाने वाले गढ़वाल वन प्रभाग, पौड़ी के वनकर्मी हरिमोहन सिंह एवं फॉरेस्टर दिनेश लाल को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। इसके पश्चात मुखमंत्री ने अधिकारियों को देहरादून के वन मुख्यालय पर तत्काल इंटिग्रेटेड फायर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना करने के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेंटर के माध्यम से सैटेलाईट से सीधे फायर संबंधित सूचनाओं को एकत्रित कर फील्ड लेवल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी। इसमें फॉरेस्ट टोल फ्री नम्बर 1926 की व्यवस्था के साथ ही अन्य आधुनिक व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं तैयार रखी जाए।
आपको बता दें, कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए यह देश का पहला सेंटर होगा। बैठक में वनाग्नि को बुझाने में जान गंवाने वाले फ्रंटलाइन फॉरेस्ट स्टाफ के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख करने की घोषणा की साथ ही फ्रंटलाइन फॉरेस्ट स्टाफ के लिए आवासीय फॉरेस्ट लाइंस का निर्माण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कैम्पा मद से प्राप्त बाइकों को हरी झंडी दिखाई व स्टेट फायर प्लान प्रति का भी अनावरण किया।