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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के लिये स्वीकृत की धनराशि, बोले-बांस, भीमल व पिरूल का हस्तशिल्प में किया जाए विशेष उपयोग

उत्तर नारी डेस्क 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्त शिल्प विकास परिषद के शासी निकाय की नवीं बैठक  आयोजित हुई जिसमे मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य के हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिये पेशेवर डिजायनरों की सेवायें ली जाएं तथा उपयुक्त स्थलों खासतौर से बड़े शहरों में उत्पादों के इम्पोरियम स्थापित किये जाएं। उन्होंने कहा कि ऊन के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये क्लस्टर तैयार किये जाएं। 

मुख्यमंत्री जी ने हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के लिये एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि भी स्वीकृत की। परिषद् को यह धनराशि रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे उत्पादों को विशिष्ट पहचान मिले, इसके लिये उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। बांस, भीमल व पिरूल का भी हस्तशिल्प में विशेष उपयोग किया जाय। वन पंचायतों के माध्यम से रिंगाल उत्पादन की दिशा में कार्य किया जाय।

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