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त्रिवेंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला, प्रदेश की महिलाओं को पति के पैतृक संपत्ति में मिले अधिकार

उत्तर नारी डेस्क 

पिता की संपत्ति में महिलाओं को भले ही अधिकार दे दिए गए हों लेकिन पति के पैतृक संपत्ति से उन्हें आज भी दूर रखा गया था, लेकिन उत्तराखण्ड की त्रिवेंद्र सरकार ने बुधवार को हुए अपने मंत्रिमंडल के बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अध्यादेश के जरिए यहां कि महिलाओं को पति के जिंदा रहते हुए भी उनके पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया है। अब उत्तराखण्ड के राजस्व रिकॉर्ड में भी पति के पैतृक संपत्ति में पत्नी का नाम दर्ज होगा।

त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले से सीधे-सीधे राज्य की 35 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। सरकार के इस फैसले के बाद महिलाओं में खुशी देखने को मिल रही है। रावत सरकार का यह फैसला उन महिलाओं के लिए बेहद कारगर साबित होगा जिनके पति से या तो उनका तलाक हो गया है या फिर उनका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है। सरकार के इस फैसले से अब उत्तराखण्ड की महिलाएं कहीं न कहीं अपने आप को पहले से सशक्त मान रही हैं। 

इन हालातों में भी मिलेगा अधिकार

उत्तराखण्ड में महिलाएं अब अपने पति के पैतृक संपत्ति में सहखातेदार होंगी। कानून में संशोधन के बाद अब तलाकशुदा और उन महिलाओं को भी इस कानून के अंतर्गत अधिकार मिलेगा जिनकी कोई संतान नहीं है. इस नए संशोधन के चलते न सिर्फ महिलाओं को अधिकार मिला है बल्कि अब महिलाएं पति की पैतृक संपत्ति पर लोन भी ले सकती हैं। साथ ही अगर वह चाहें तो अपने हिस्से की जमीन को बेच भी सकती हैं। साथ ही अगर पति सात साल से ज्यादा दिनों तक लापता है तब महिला को उसके पैतृक संपत्ति में पूरा अधिकार दिया जाएगा। 

पहले सिर्फ मिलते थे ये अधिकार

इस कानून के पहले पत्नी को सिर्फ पति द्वारा खरीदे गए प्रॉपर्टी में ही हिस्सा मिलता था। जबकि उसके पैतृक संपत्ति में उसे तभी हिस्सा मिलता था जब पति की मृत्यु हो जाए। साथ ही पहले अगर महिला का तलाक हो जाए तो उसे पति की पैतृक संपत्ती में कोई अधिकार नहीं मिलता था। हालांकि अब यह अधिकार तलाक के बाद भी पत्नी को मिलेगा इसकी वजह से महिलाओं में इस कानून को लेकर कफी खुशी है। 

13 साल पुराना वादा निभाया

महिलाओं को दिए इस अधिकार पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं, वर्ष 2008 में जब मैं, प्रदेश का कृषि मंत्री था तो सीमांत जनपद चमोली में मेरी मुलाकात श्रीमती विश्वेश्वरी देवी जी से हुई। उन्होंने बड़े तार्किक ढंग से यह बात रखी कि पति की संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए। मेरे जेहन में हमेशा यह बात रही।

आज जब मैं, प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं तो मुझे बेहद ही खुशी है कि हमारी सरकार ने विश्वेश्वरी देवी जी की मन की इच्छा को पूरा किया और प्रदेश की लाखों महिलाओं को उनका अधिकार दिलाया।

मातृशक्ति का आशीर्वाद सदैव बना रहे ताकि आगे भी हम इसी प्रकार के जनहित निर्णय लेते रहें।

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