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उत्तराखण्ड कि बेटी को 9 साल बाद मिलेगा इंसाफ़, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की तारीख की तय

उत्तर नारी डेस्क 

दिल्ली में 2012 में दरिंदगी की शिकार हुई उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय दिलाने के प्रयास में सफलता मिली है। गुरुवार को पीड़िता के परिजनों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास मे मुलाकात कर जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट ने अब 2 मार्च को इस मामले पर सुनवाई की तारीख तय की है और अब उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय मिलने की आस जगी है।

पीड़िता के माता पिता पिछले 09 साल से बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे हैं। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ने के लिए परिवार को सहयोग देने की घोषणा की थी। अब बेटी को न्याय मिलने की आस जगी है।

गौरतलब है कि 9 फरवरी 2012 को दिल्ली के नजफगढ़-छावला में रहने वाली किरण नेगी जब जॉब करके घर लौट रही थी तो, कुछ दरिंदों ने उससे छेड़खानी शुरू कर दी। विरोध करने पर दरिंदों ने किरन को किडनैप कर लिया औऱ तीन दिन तक कार में वीभत्स तरीके से सामूहिक दुष्कर्म करते रहे।

सामूहिक दुष्कर्म के बाद किरन की निर्मम हत्या कर दी। लोगों के जबरदस्त विरोध के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी। द्वारका कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी, अब सुप्रीम कोर्ट में 3 मार्च को इस मामले में सुनवाई करेगा।

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