उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में 28 फरवरी को लैंसडौन में आयोजित सेना भर्ती की परीक्षा देने 4 हजार से अधिक युवा शामिल होने पहुंचे थे। परन्तु परीक्षा होने से पहले ही परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। इस संबंध में अब भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों ने एक सक्रिय ऑपरेशन के आधार पर बड़ी बात कही है।
जी हाँ, भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों ने जाँच के दौरान खुलासा किया है कि सेना में चयन प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार होने की आशंका है। जिसके लिए सेना ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। जिसके आधार पर पता चला है की सेना में भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं को लेकर सेंटरों पर भ्रष्टाचार किया गया है। ऐसे में सेना की तरफ से बयान आया है कि इस मामले में वह किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को नजरअंदाज नहीं करेगी। सेना में भर्ती के लिए 28 फरवरी को होने वाले कॉमन एंट्रेस एग्जाम के पेपर लीक हो गए थे। इस बात की जानकारी सबसे पहले आर्मी इंटेलिजेंस को मिली। जिसके बाद पूरी परीक्षा रद्द कर कर दी गई थी।
बताते चलें, की पूरे देश में छह जोन के 40 सेंटर पर यह परीक्षा होनी थी। जिसमें 30, 000 उम्मीदवार शामिल होने वाले थे। जिसमे 3700 युवा भर्ती परीक्षा देने लैंसडौन पहुंचे थे जबकि सेना के अनुसार टेक्निकल, ट्रेडमैन, नर्सिंग असिसटेंट और क्लर्क की परीक्षा संपन्न हुई थी परन्तु कुछ टेक्निकल दिक्कतों के चलते सोल्जर(GD) कैटेगरी की परीक्षा रोकनी पड़ी थी।
इस मामले में दो मेजर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया था आरोपी चार से पांच लाख में प्रश्न पत्र बेच देते थे। पेपर लीक की भनक लगते ही आर्मी इंटेलिजेंसी और पुणे पुलिस ने मिलकर जॉइंट ऑपरेशन किया और महाराष्ट्र के अलग.अलग शहरों में छापोमारी के दौरान सात लोगों धर दबोचा।