उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की धार्मिक नगरी तथा आस्था के केंद्र हरिद्वार में बूचड़खानों (स्लॉटर हाउस) को बंद करने की मांग मुख्यमंत्री ने स्वीकृत कर दी है जिसके बाद हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस नहीं खुल पाएंगे।
राज्य सरकार ने जनपद हरिद्वार अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायत क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से वधशालाविहीन क्षेत्र घोषित करते हुए इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि संबंधित नगर निकायों द्वारा पशुवधशालाओं के संचालन के लिए पूर्व में दी गई अनापत्तियों को भी निरस्त कर दिया गया है।
बताते चलें, कि हरिद्वार में पशु वधशाला का मामला लंबे समय से चल रहा है। हाईकोर्ट में भी इसे लेकर याचिका दायर हुई थी साथ ही पशुवधशालाओं के रोक लगाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी, जिसको लेकर पहले भी कई बार राजनीति होती रही है। जिस पर अब सरकार ने मुहर लगा दी है।
सतपाल महाराज बोले स्लॉटर हाउस का कोई औचित्य नहीं
इस मामले में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोशल मीडिया में पोस्ट साझा कर कहा कि उत्तराखण्ड की धार्मिक नगरी तथा आस्था के केंद्र हरिद्वार में बूचड़खानों (स्लॉटर हाउस) को बंद करने की हमारी मांग को स्वीकार करते हुए, उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इन्हें तत्काल रूप से बंद करने के आदेश दिए हैं। हमने माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया था कि पतित पावन गंगा मां की नगरी हरिद्वार आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी है, अतः यहां स्लॉटर हाउस पर रोक लगाई जाए क्योंकि इनसे लाखों लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि राज्य सरकार ने लोगों की भावनाओं का आदर करते हुए इन्हें बंद करने का विधिवत आदेश पारित किया है। इसके लिए मेरी ओर से हार्दिक आभार।