उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में बीते तीन दिनों से उठे सियासी गुबारे का दम दिल्ली में निकल गया है। उत्तराखण्ड सरकार में बीते दिनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है। बता दें, राज्य में फिलहाल न तो कोई नेतृत्व परिवर्तन होगा और न ही मंगलवार को विधायक दल की बैठक ही बुलाई जाएगी। जी हाँ, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं मंडरा रहा है। दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी लंबी मुलाकात के बाद आखिरकार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी पर आया संकट टल गया है।
आपको बता दें, कि तीन दिनों से राज्य में जारी सियासी उठापटक पर राजधानी देहरादून में दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा। केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अचानक दिल्ली तलब कर प्रदेश की सियासी धड़कन बढ़ा दी थी। संसद भवन में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री के साथ संगठन महासचिव बीएल संतोष की पर्यवेक्षक डॉ. रमन सिंह और प्रभारी दुष्यंत गौतम की रिपोर्ट पर मैराथन बैठक हुई। इस दौरान संसद भवन में पीएम मोदी भी मौजूद रहे। इसी बीच, सीएम बिना किसी तय कार्यक्रम के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से मिलने पहुंचे। बलूनी के साथ एक घंटे की बैठक के बाद सीएम की नड्डा के साथ दो घंटे बैठक हुई। फिर सीएम ने मीडिया को बातचीत के लिए बुलाया।
सीएम ने खुद नहीं विधायक के जरिये रखा अपना पक्ष
उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री खुद मीडिया से मुखातिब होंगे। मगर थोड़ी देर के इंतजार के बाद रात तकरीबन 10:30 बजे मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष रखने के लिए अपने करीबी विधायक मुन्ना सिंह चौहान को भेजा। विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के प्रति असंतोष संबंधी ख़बरों को खारिज़ किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के ख़िलाफ कोई असंतोष नहीं है और मंगलवार को विधायकों की कोई बैठक भी नहीं बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि सीएम रावत मंगलवार को दिन में लगभग ग्यारह बजे के करीब देहरादून पहुंचेंगे। मुन्ना सिंह चौहान की माने तो मुख्यमंत्री को लेकर किसी को कोई नाराजगी नहीं है। न कोई कार्यकर्ता नाराज है और न कोई नेता। मुन्ना सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार के कामकाज से भी किसी को कोई नाराजगी नहीं है। बता दें कि पूरे दिन चले घटनाक्रम के दौरान मुन्ना सिंह चौहान पूरे समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही रहे। उनके साथ ही वो कई जगहों पर आते जाते रहे।