उत्तर नारी डेस्क
राजधानी देहरादून में बाल आयोग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे। बता दें कि ये कार्यशाला युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए थी। एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि नई पीढ़ी में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। बच्चों को नशा सहित तमाम विकृतियों से बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। संस्कारित बच्चे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होते।
संस्कार ही बच्चों को नशे की बढ़ती प्रवृत्ति से बचा सकते हैं। इसलिए मां बाप को अपने बच्चों को संस्कार देने पर ध्यान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज महिलाएं फटी जींस पहनकर और घुटने दिखाकर चल रही हैं, क्या ये सही है? मुख्यमंत्री ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होकर ये सब हो रहा है और बच्चे संस्कार खो रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि पाश्चात्य देश भारतीय संस्कृति की महानता को समझ चुके हैं। इसलिए वे हमारी संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहा है। ऐसे में क्या हमें पाश्चात्य संस्कृति का रुख करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे कपड़े पहनकर महिला समाज में चलेंगी, तो लोगों के बीच क्या संदेश जाएगा? वहीं, मुख्यमंत्री ने नई पीढ़ी और मां पिता पर भी कटाक्ष किया और कहा कि बच्चे को घर या फिर स्कूल में कैसी शिक्षा दी जा रही है, इस पर ध्यान देना जरूरी है।