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उत्तराखण्ड : बड़े फेरबदल की आहट, दिल्ली रवाना हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में सियासी चर्चाओं का सिलसिला फ़िर से जारी हो गया है। जी हां, इस वक़्त की सबसे बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन की बढ़ती अटकलों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए। आपको बता दें कि उन्हें आज गैरसैंण में एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। जहां उन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंप्लायमेंट एंटरप्रीन्योरशिप एंड इनोवेशन का उद्घाटन करना था। इसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए वृहद ब्याज मुक्त ऋण योजना के तहत ऋण वितरित करने वाले थे। परन्तु दिल्ली से अचानक बुलावे के बाद पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर केंद्रीय नेतृत्व के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। तो वहीं इसी बीच देहरादून भाजपा कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। साथ ही पार्टी के सियासी गलियारों में तरह तरह कि अटकलें लगाई जा रही है। 

तो वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम है। माना यह जा रहा है कि वो गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। वहीं कुछ चैनलों के अनुसार राज्य में नेतृत्व परिवर्तन भी हो सकता है। फ़िलहाल इस बीच सतपाल महाराज और धन सिंह रावत का नाम आगे चल रहा है। अगर दोनों के नाम की सहमति नहीं बन पायी तो कमान अनिल बलूनी या अजय भट्ट को भी सौंपी जा सकती है।

बता दें, देहरादून बीजेपी के पर्यवेक्षक के तौर पर गए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और दूसरे पर्यवेक्षक उत्तराखंड के प्रभारी महासचिव दुष्यंत गौतम अपनी रिपोर्ट बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को सौंप सकते हैं। 

इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर ट्वीट कर बीजेपी में तंज कसा है और सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा कि उत्तराखण्ड भाजपा में सत्ता की खुली लड़ाई, चिंताजनक स्थिति बयां कर रही है। कुछ उजाड़ू बल्द, जिनको भाजपा पैंसारूपी_घास दिखाकर हमारे घर से चुराकर के ले गई, उसका आनंद अब भाजपा को भी आ रहा है, इनमें से कुछ बल्द तो उज्याड़ू ही नहीं हैं, मारखोली भी हैं। भाजपा ने जो बोया उसको काटना पड़ेगा और लंबे समय तक काटना पड़ेगा, 2017 में तो केवल मुझको काटना पड़ा, लेकिन आगे उत्तराखंड को भी काटना पड़ेगा और भाजपा को तो काटना ही पड़ेगा।

 

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