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उत्तराखण्ड : मुख्यमंत्री तीरथ के नाम डॉ. गायत्री कठायत का संदेश, जानिए क्या कहा

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फटी जींस वाले बयान के बाद काफी बवाल मचा, कहीं इस बयान की निंदा हुई तो कहीं तारीफ। विपक्षी पार्टी, बॉलीवुड सितारों समेत देश के कई बड़े चेहरों ने इस बयान का विरोध किया। लेकिन कई लोग इस बयान के समर्थन में भी देखे गए। वहीं, आज हम आपको मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फ़टी जीन्स वाले बयान पर पहाड़ की एक होनहार बेटी की प्रतिक्रिया आपको दिखा रहे हैं।

गायत्री कठायत नैनीताल के एक साधारण पहाड़ी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। डॉ. गायत्री जीवन में कुछ अलग करना चाहती थीं। वह वैज्ञानिक बनना चाहती थीं। आपको यह जानकार गर्व होगा कि जिओ साइंटिस्ट डॉ. गायत्री कठायत भारतीय मूल की एकमात्र भू-वैज्ञानिक हैं, जिन्हें नॉर्थ-साउथ अमेरिका, मॉरिशस और रॉड्रिग्स में काम करने का मौका मिला। अब आपको बताते हैं की गायत्री कठायत का मुख्यमंत्री के बयान पर क्या कहना है। 

गायत्री कठायत कहती है कि शायद हर बात को ना समझने की हमने क़सम ख़ाली है, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में ये कहा कि किसी भी देश में रहने वाले सम्भ्रांत वर्ग, माता पिता आने वाली पीढी को प्रगति पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। कल के बच्चे खुद को कैसे समाज में और दुनिया में प्रस्तुत करे, ये सब शिक्षा का हिस्सा है। इसमें क्या ग़लत बात है? हम चाहे भारतीय संस्कृति से हो या विदेशी हर बच्चों को क्या पहना है, कैसे खाना ये सिखाने की क्लास दी जाती है। ब्यूटी पेजेंट प्रशिक्षण के दौरान भी शायद प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाता है कि उन्हें समाज के भीतर कैसे खुद को प्रस्तुत करना है। दुनिया में कुछ देशों की प्रथम व्यक्ति महिला है और हर महिला का पहनावा शिष्टा को ना केवल दर्शाता है अपितु प्रेरणा भी देता है।

आप ही सोचिए अगर कल आप हम यदि किसी सरकारी अधिकारी को अनुचित वेशभूषा में उनके कार्यालय के भीतर देखे तो एक आम व्यक्ति के रूप में हमारी प्रतिक्रियाएँ क्या होंगी? एक और उदाहरण ले लेते है, पिछले कुछ वर्षों में भारत के राज्यों में से एक के मुख्यमंत्री को सिर्फ इसलिए पूरे देश में ट्रोल किया गया क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय और सार्वजनिक समारोहों के दौरान अनौपचारिक चप्पल पहन रखी? लेकिन हमने ऐसा क्यों किया? एक इंसान के रूप में क्या उन्हें कुछ भी पहनने की आज़ादी नहीं है? उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने नहीं कहा कि लड़कियों को क्या पहनना चाहिए, ना ही इस बारे में सुझाव नहीं दिए गए, लेकिन हां उन्होंने उल्लेख किया कि समाज में सम्भ्रांत वर्ग, माता पिता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। वो युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण और दिशा निर्धारित करते है कि कैसे न केवल राष्ट्र के भीतर बल्कि वैश्विक समुदाय में खुद को ले जाएं। यही प्रशिक्षण मैं अपने छात्रों को देती हूं और मुझे नहीं लगता कि उनके बयान रूढ़िवादी या लिंग के आधार पर हैं।

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