उत्तर नारी डेस्क
कोरोना काल में पहले ही उत्तराखण्ड वासियों की आर्थिक स्थिति खराब है और वहीं उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को जबरदस्त झटका दिया है। जी हाँ बता दें कि प्रदेश में बिजली महंगी हो गई है। जो लोग बिजली की ज्यादा खपत करते हैं, उनके लिए अब बिजली की बचत करने का समय आ गया है। प्रदेश में बिजली की घरेलू व व्यावसायिक दरों में बढोत्तरी की गई है। उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की ओर से साल 2021-22 के लिए बिजली टैरिफ की नई लिस्ट जारी कर दी गई है। इसके अनुसार जो घरेलू उपभोक्ता 100 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब पहले की तुलना में अधिक बिल चुकाना होगा। बिजली टैरिफ के अनुसार प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को अब 4 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान करना होगा।
आपको बता दें कि प्रदेश के हिमाच्छादित क्षेत्रों के निवासियों का यह बढ़ती दर लागू नहीं होगी। इसके अलावा बीपीएल श्रेणी और प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इनसे पहले की तरह ही प्रति यूनिट दो रुपये अस्सी पैसे के हिसाब से बिल वसूला जाएगा। 50 यूनिट प्रतिमाह वालों के टैरिफ में भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। कमर्शियल श्रेणी में 25 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं को अब 5.75 रुपये की बजाय 05 रुपये 80 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा। 25 किलो वाट से ऊपर के उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट 5 रुपये 80 पैसे की दर से बिल लिया जाएगा। 75 किलोवाट से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली का रेट 5 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट तय किया गया है। जो लोग बिल जारी होने के दस दिन के भीतर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बिल का भुगतान करेंगे उन्हें कुल बिल पर टैक्स छोड़कर 1.25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। कैश, चेक से 10 दिन के भीतर भुगतान करने पर 0.75 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
एसएमएस से मिलेगी उपभोक्ताओं को बिल की सूचना
यूईआरसी ने उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को उपभोक्ताओं को उनकी पंजीकृत ईमेल आइडी और मोबाइल नंबर पर बिल भेजने का निर्देशित करते हुए समय पर बिल वितरित करने को कहा। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को बिल के भुगतान के लिए बिल वितरण की तिथि से कम से कम 15 दिन का समय दिया गया हैं।