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हरिद्वार महाकुंभ 2021 : कुम्भ में देव डोलियों ने प्रतीकात्मक रूप से किया स्नान

उत्तर नारी डेस्क

देवभूमि की विभिन्न लोक संस्कृति को दर्शाने वाली शोभा यात्रा 24 अप्रैल को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से आरंभ होकर आज 25 अप्रैल को कुम्भ नगरी में गंगा स्नान को हरिद्वार पहुँची। प्रत्येक 12 वर्ष में यह सौभाग्य आमजन को प्राप्त होता है जब उत्तराखण्ड के साथ ही नेपाल एवं हिमाचल से भी दिव्य डोलियां और पवित्र निशान महाकुम्भ में पहुँचते हैं। शनिवार को पूर्व संध्या में  4 बजे त्रिवेणी घाट ॠषिकेश में देव डोलियों की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात भरत मन्दिर की परिक्रमा उपरांत सभी को प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार लाया गया जहां रात्रि विश्राम किया गया। आज प्रातः देवडोलियां प्रेम नगर आश्रम से हरकी पैड़ी स्नान हेतु पहुंची। तत्पश्चात पंतदीप में एक भव्य पंडाल में पूज्य संतों, श्रद्धालुगणों और शासन-प्रशासन के लोगों द्वारा इनकी पूजा-अर्चना की गयी। इसके बाद देव आशीर्वाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। 

कोविड को देखते हुए देव स्नान को सांकेतिक रखा गया। मात्र चार देवस्थान से ही डोलियां हरिद्वार पहुंची जिसमें मां धारी देवी, माँ सुरकंडा देवी, देव घण्टाकर्ण और माँ दक्षिण कालिका की डोलियाँ सम्मलित थी। सभी देव-अथितियों द्वारा कुम्भ स्नान किया गया। जिसके पश्चात सभी देव-डोलियां एवं निशान को श्रद्धालुओं हेतु सीसीआर के करीब प्रांगण में लाया गया। कोविड नियमों का पालन करते हुए सभी ने देव डोलियों से आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर महाकुंभ का स्वरूप प्रतीकात्मक रखा गया, इसके तहत यह परंपरा भी सीमित लोगों के बीच संपन्न हुई। इस सार्थक प्रयास के लिए मैं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री मोहन सिंह ग्रामवासी व श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति का अभिनंदन करता हूं। भविष्य में संस्कृति विभाग द्वारा इसे भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। 'देवभूमि' उत्तराखंड की देवसंस्कृति को अग्रसर करने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।

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