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कोटद्वार : गुस्साए हाथी ने जंगल में घास लेने गई महिलाओं पर किया हमला, एक की मौत

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के जंगल आग से धधक उठे हैं। जंगलो में लगी आग भीषण रूप लेने में लगी है। इसके कई गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं, इन्हीं में से एक है जंगली जानवरों का आबादी वाले इलाकों में रुख करना। कहीं गुलदार बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं तो कहीं हाथियों का आतंक कायम है। पौड़ी जिले का कोटद्वार क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। यहां जंगल में चारापत्ती और लकड़ी लेने गई महिलाओं पर हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। घायल महिला को इलाज के लिए बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया है। घटना लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र की है। अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दे दी है। जिसके बाद पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है। 

बेस अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सुबह शिवपुर रेशम फार्म निवासी कांति देवी (65 वर्षीय) और दमयंती देवी (55 वर्षीय) अपने पड़ोस में रहने वाली 7 अन्य महिलाओं के साथ सुखरो और पनियाली बीट के जंगल में चारापत्ती लेने के लिए गई हुई थीं। दोपहर करीब 1 बजे जब सभी महिलाएं जंगल में लकड़ियां इकट्ठा कर रही थीं, तभी अचानक उन पर हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले में कांति देवी घायल होकर जमीन पर गिर गई, जबकि दमयंती देवी ने जंगल की तरफ दौड़कर अपनी जान बचाई। दोनों महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर आस पास मौजूद महिलाएं आबादी की ओर दौड़ने लगी। साथी महिला ने घर में आकर घायालों के घरवालों और आसपास के लोगों को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद घरवाले सहित स्थानीय लोग मौके पर घटनास्थल पर पहुंचे तो कांति देवी जंगल में मृत हालत में पड़ी थी। हाथी ने महिला का सिर कुचल दिया था। परिजन रोते-बिलखते हुए कांति देवी का शव लेकर किसी तरह सड़क तक पहुंचे। जबकि गांव के कुछ युवा जंगल में दमयंती देवी को ढूंढते रहे। घंटों की खोजबीन के बाद दमयंती देवी को घायल अवस्था में ढूंढ लिया गया। जिसके बाद कांति देवी को कार से और दमयंती देवी को 108 एंबुलेंस की मदद से राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार लाया गया। जहाँ डॉक्टरों ने कांति देवी को मृत घोषित कर दिया, जबकि दमयंती देवी का इलाज़ किया जा रहा हैं।

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