उत्तर नारी डेस्क
पिछले कई दिनों से उत्तराखण्ड में मौसम शुष्क बना हुआ है। इस मौसम की बेरुखी जंगलों पर भारी गुजर रही है। इस महीने सामान्य से 80 फीसद कम बारिश हुई, जिससे तापमान में भी तेजी से इजाफा हुआ है। जिसके कारण पिछले छह माह से जंगल धधक रहे हैं। जंगल की आग इतनी खतरनाक होती जा रही है कि आग से हुए नुकसान की खबरें भी अब तेजी से सामने आने लगी हैं।
बता दें, की टिहरी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में पांचवें दिन भी जंगल में आग जलती रही। यहां मंगसू गांव तक लगभग 10 किलोमीटर क्षेत्र में करीब आठ स्थानों में आग फैल गई।
तो, वहीं पौड़ी जिले के मलेठी गांव में जंगल की आग से गाय की जलकर मौत हो गई और अल्मोड़ा में दो लोग आग बुझाते हुए झुलस गए। आज तो आग ने इतना विकराल रूप ले लिया की पौड़ी जिले के मलेठी गांव तक आग गांव के पास पहुंच गई, जिसमें एक गाय जलकर मर गई। उत्तराखण्ड में अक्टूबर से अब तक जंगलों की आग का लेखा-जोखा। साफ है कि आग से जंगलों को भारी नुकसान तो पहुंच ही रहा, यह जीवन पर भी भारी पड़ रही है। साथ ही कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ने से लोगों की मुश्किलें तो बढ़ ही रही हैं। परन्तु पिछले छह माह से जंगल में धधक रही आग भी परेशानी का कारण बनती जा रही है। बावजूद अब तक वन विभाग पूरी तरह एक्टिव नजर नहीं आ रहा है।