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पौड़ी गढ़वाल : 10 घंटे तक रास्ते में पड़ा रहा मृत महिला का शव, प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

उत्तर नारी डेस्क

कोरोना की दूसरी लहर से उत्तराखण्ड में हाहाकार मचा हुआ है। उत्तराखण्ड में हर दिन रिकॉर्ड मामले दर्ज किये जा रहे हैं। वहीं कोरोना के समाने मानवता ने लाचार और बेबस होकर हार मान ली है। मानवता की लाचारी और बेबसी का जीता जागता उदाहरण खिर्स् विकासखंड की कोल्ठा ग्राम पंचायत के उज्जवलपुर गांव में देखने को मिला है। जहाँ शुक्रवार को एक बुजुर्ग महिला का शव गांव के मुख्य रास्ते पर करीब 10 घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन न तो प्रशासन और न ही ग्रामीणों ने शव को उठाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की जहमत की। वहीं प्रशासन ने गांव में 7 पीपीई किट फैंक कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया। वहीं श्रीनगर उपजिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने कहा कि जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेज दिया गया था। यदि मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई होगी तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि एक बुजुर्ग दंपति कुछ दिन पूर्व ही देहरादून से गांव लौटे थे। शुक्रवार को बुजुर्ग दंपति की अचानक तबियत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव तक पहुंचती इससे पूर्व ही बुजुर्ग महिला ने गांव के रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जबकि बुजुर्ग को स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाज़ के लिए मेडिकल कालेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में ले आई। वहीं बुजुर्ग दंपति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए गांव का कोई भी व्यक्ति महिला के शव नजदीक नहीं गया। गांव के मुख्य रास्ते में महिला का शव पड़े होने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। वहीं मीडिया कर्मियों व ग्रामीणों ने घटना की जानकारी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को भी दी। जिसके बाद सूचना पर गांव के समीप एक एंबुलेंस आई लेकिन शव को ले जाने के बजाय एंबुलेंस खाली ही वापस लौट गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी गांव में कुछ पीपीई किट फेंक कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया। शव करीब शाम 6 बजे तक रास्ते में ही पड़ा रहा। बाद में परिजनों व ग्रामीणों ने ही शव को को उठाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का निर्णय लिया।

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