उत्तर नारी डेस्क
चंपावत में ऐतिहासिक मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाला मेला 30 मार्च से शुरू हो गया है। इस मेले के लिए कुंभ जैसी ही व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया था। आपको बता दें. कि मेले की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन एक माह पहले से ही तैयारी में जुट गया था। श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाओं के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी नियम बनाए गए। लेकिन मंदिर में मंगलवार की रात को अचानक उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते कोरोना के सारे नियम धरे के धरे ही रह गए। मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया।
आपको बता दें, कि 48 घंटे बाद भी मेले की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पाईं हैं। आस्था के आगे कोरोना से बचाव के नियम भी धरे के धरे ही रह गए हैं। फोर्स की कमी होने से यातायात व्यवस्था भी बेपटरी है। पिछले 24 घंटे में 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन किए। धाम क्षेत्र में बुधवार को सुबह से जगह-जगह जाम लगा रहा। मुख्य मंदिर में दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा है। ज्यादातर श्रद्धालु निजी वाहनों से पहुंचे, जिसके चलते बूम, ठुलीगाड़ आदि स्थानों पर रात से ही जाम की स्थिति बनी रही।
यहां जिसे जहां जगह मिली वहीं वाहन पार्किंग कर दर्शन के लिए चलते बने। ऐसे में यातायात सुचारु करने में पुलिस को भी काफी पसीना बहाना पड़ा। मेला शुरू हुए 48 घंटे बाद भी ठुलीगाड़ और भैरव मंदिर में विभाग का चिकित्सा कैंप शुरू नहीं हो पाया है। बता दें कि मां पूर्णागिरि धाम में हर साल होली के अगले दिन से तीन माह का मेला लगता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने मेला अवधि 30 दिन तय की है। 30 मार्च से शुरू हो रहा मेला 30 अप्रैल तक चलेगा।