उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में कोरोना का क़हर जारी है आये दिन कोरोना संक्रमण के मामलो में इजाफ़ा हो रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल और आंदोलनों पर सख्त रुख अपनाया है।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा है कि राज्य में कोरोना महामारी के दौरान किसी भी कर्मचारी ने हड़ताल या आंदोलन में भाग लिया, तो तत्काल उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। साथ ही चेतावनी भी दी है कि निकाले जाने वाले कर्मचारियों के स्थान पर नई भर्ती की जाएगी। आंदोलन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई भी अलग से होगी।
बता दें, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाओं के अन्तर्गत कार्यरत कोई भी कर्मचारी हड़ताल या आन्दोलन करता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि, आवश्यक सेवाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों से अपेक्षा है कि वह इस महासंकट काल में अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करें। मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में मुख्य सचिव, को समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।