उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के जंगल लगातार आग से जल कर राख हो रहे हैं जिससे पारा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बेकाबू हो रही आग से वन संपदा को तो भारी नुकसान पहुंचा ही रहा है और साथ ही वन्यजीवों के जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ों में लगातार धुंध छा रही है जिससे विजिबिलिटी लगातार कम होती जा रही है।
आपको बता दें कि कुमाऊँ के जंगल आग से धधक उठे हैं। यहाँ के जंगलों में लगी आग भीषण रूप ले रही है और इसको बुझाने के लिए MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही, लेकिन पहाड़ों में गहरी धुंध के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है।
माना जा रहा है कि MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद लगातार एक हफ्ते तक ली जा सकती है ताकि भविष्य में आग लगने के खतरे को कम किया जा सके। वन विभाग की टीम हेलीकॉप्टर वाली टीम को उन जगहों की सूचना जीपीएस के माध्यम से देगी, जहां आसानी से आग बुझाई जा सकती है। जीपीएस से मिली लोकेशन के आधार पर हेलीकॉप्टर आग से जल रहे जंगलों पर पानी गिरायेगा। जी हाँ, हेलीकॉप्टर के जरिए आज सुबह 7 बजे से जंगलों में लगी आग बुझाने का काम शुरू किया जाना था, लेकिन विजिबिलिटी बेहद कम होने की वजह से हेलीकॉप्टर उड़ान ही नहीं भर सका। जिसके कारण जंगलों में लगी आग को बुझाने का काम शुरू नहीं किया जा सका।