उत्तर नारी डेस्क
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हवाई यात्री रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की भूमि उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित किए जाने को बुधवार को मंजूरी मिल गई है।
जी हाँ बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मसूरी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की 1500 वर्ग मीटर भूमि को उत्तराखण्ड सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही अब राज्य सरकार वहां अपनी एक आधारभूत परियोजना-देहरादून और मसूरी के बीच हवाई यात्री रोपवे प्रणाली (एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम) का निर्माण कर सकेगी। देहरादून-मसूरी के बीच एरियल पैसेंजर रोपवे रोपवे पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाने वाला मोनो-केबल रोपवे है और इसके लोअर टर्मिनल की ऊँचाई 958.20 मीटर होगी। जबकि अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊँचाई 1996 मीटर है। 258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है।
इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी। इन सबके अलावा इस परियोजना से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। निशंक ने कहा कि इस परियोजना से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं विकास को मजबूती मिलेगी।
तो वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा मिलता है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।