उत्तर नारी डेस्क
अगर आप जंगल की ओर चारा-पत्ती लेने अथवा सैर-सपाटे करने की सोच रहे हैं तो फिलहाल आप इस योजना को टाल दे। इन दिनों जंगल में हथिनी झुंड में अपने बच्चों के साथ घूम रही है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर हाथिनी बेहद आक्रामक मुद्रा में रहती है। ऐसे में जितना संभव हो जंगलों से दूर ही रहें। आपकी जरा सी लापरवाही आपकी जान पर भारी पड़ सकती है, इसलिए ऐसा न करें। आपको बता दें कि कोटद्वार क्षेत्र में पिछले दो माह में हाथिनी के हमले में 2 महिलाओं समेत 4 लोगों की मौत हुई हैं। हमला करने वाली हाथिनी के साथ बच्चे मौजूद थे। विगत 22 मई को लालढांग रेंज में चमरिया स्त्रोत के समीप हाथिनी ने एक महिला समेत दो व्यक्तियों को मार डाला। इस घटना को अभी क्षेत्र की जनता भूल भी न पाई थी कि 1 जून को सिगड्डी स्रोत के समीप हाथिनी ने एक व्यक्ति को मौत मुंह सुला दिया। हमले की सभी घटनाएं ऐसे स्थान पर हुई, जहां घटनास्थल से कुछ दूर ही पानी मौजूद था। इतना ही नहीं, हमला करने वाली हाथिनी के साथ बच्चे मौजूद थे।
बता दें कि लैंसडाउन वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जंगलों में इन दिनों हाथियों के अलग-अलग झुंडों में बच्चे भी मौजूद हैं। बच्चे काफी छोटे हैं, इस कारण हाथिनी बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। बता दें कि हाथियों के झुंड में हाथिनी झुंड की प्रमुख होती है व झुंड में मौजूद बच्चों की सुरक्षा का दायित्व उसी पर ही होता है। ऐसे में हाथिनी बेहद आक्रामक रहती है व झुंड के आसपास किसी को भी भटकने तक नहीं देती हैं। वहीं, खतरे को देखते हुए वन विभाग की ओर से लगातार आमजन को जंगल से दूर रहने के लिए आगाह किया जा रहा है। लेकिन लोग समझ नहीं रहे और जंगल में आमजन का प्रवेश बंद नहीं हो रहा। इसलिए हमारी आपसे अपील है कि इन दिनों जितना संभव हो जंगल की ओर जाने से बचें। वन विभाग की चेतावनी को हल्के में न लें।