उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को हुई मेजर पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार कर देवभूमि उत्तराखण्ड के 37 नौजवान बतौर अफसर सेना का हिस्सा बने। इन्हीं में एक हैं पौड़ी जिले के नगर निगम कोटद्वार के दुर्गापुरी निवासी रमन तोमर। कोटद्वार का यह लाल अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में पासिंग आउट परेड के बाद रमन तोमर ने भी अपने कंधे पर अफसर वाले सितारे सजाए। रमन तोमर के सेना के इंजीनियर कोर में लेफ्टिनेंट बनने के बाद से उनके परिवार और पैतृक गांव में खुशी की लहर है।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, रमन तोमर के पिता गोपाल सिंह तोमर मर्चेंट नेवी में मैरीन इंजीनियर हैं। उनकी माता आरती तोमर इंटर कालेज मोटाढांग में शिक्षक हैं और भाई प्रशांत तोमर बीटेक का छात्र है। रमन के पिता गोपाल सिंह ने बताया कि रमन का सपना आर्मी ऑफिसर बनने का था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। रमन तोमर की प्राथमिक शिक्षा क्रेडल पब्लिक स्कूल निंबूचौड़ में हुई। इसके बाद उन्होंने इंटर की पढ़ाई डीएवी स्कूल कोटद्वार से की। बता दें कि रतन तोमर ने वर्ष 2017 में एनडीए की परीक्षा दी और पहली ही बार में परीक्षा और एसएसबी पास कर ली। रतन का मन आर्मी इंजीनियर अधिकारी बनने का था। इसके लिए रतन ने उसी वर्ष आर्मी की टेक्निकल इंट्री स्कीम (टीईएस) की परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर टीईएस के तहत आर्मी ज्वाइन करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि रमन का प्रारंभिक प्रशिक्षण ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) गया में हुआ। इसके बाद इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई) पुणें में हुई। रतन ने 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद शनिवार 12 जून को पासिंग आउट में शामिल होने के बाद आर्मी के इंजीनियरिंग कोर में बतौर लेफ्टिनेंट का पद ग्रहण किया।