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कोटद्वार : झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिकों पर छापा, चार अवैध क्लीनिक सील

उत्तर नारी डेस्क 

कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग अचानक नींद से जाग गया। कोटद्वार के लकड़ी पड़ाव क्षेत्र में लंबे समय से अवैध तरीके से संचालित क्लीनिक पर स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने मंगलवार को छापेमारी की। जिससे अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर रहे डॉक्टरों में हड़कंप मच गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 4 क्लीनिकों को सीज कर दिया। छापेमारी की भनक लगते ही 2 क्लीनिक संचालक फरार हो गये। 

आपको बता दें कि मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन की टीम के साथ लकड़ीपड़ाव स्थित निजी क्लीनिकों में छापेमारी कर क्लीनिक सील कर दिए। जिससे वहां हंगामा हो गया। वहीं गुस्साए स्थानीय लोगों ने तहसीलदार कोटद्वार और स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी रोककर काफी देर तक हंगामा किया। हंगामा इतना बढ़ गया कि प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ गया। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला शांत करवाया। वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम का विरोध कर कहा कि वह बड़े अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते है, इसलिए इन्हीं डॉक्टरों से अपना इलाज कराते है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की टीम ने कहीं और से दवाई लेकर निजी क्लीनिक में रखी है। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन को छापेमारी करनी थी तो सभी क्लीनिकों में करनी चाहिए न कि गिने चुने क्लीनिकों में। वहीं निजी क्लीनिक के डॉक्टर उमर दराज का आरोप है कि छापेमारी के दौरान टीम ने उनके दस्तावेज देखने से इंकार कर दिया। जबकि उनके दस्तावेज डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित है। इसके माध्यम से हम प्रैक्टिस कर सकते है। प्राथमिक रूप से उपचार कर सकते है। उन्होंने कहा कि उनके दस्तावेजों को वैध मानकर उन्हें क्लीनिक खोलने की अनुमति दी जाये।

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