उत्तर नारी डेस्क
कोरोना काल ने हमें ऑक्सीजन का महत्व और उसकी अहमियत अच्छी तरह से समझा दी। जब लोग एक-एक सांस के लिए तड़प रहे थे, तब पता चला कि जिस ऑक्सीजन को हम वातावरण से खींच रहे हैं, उसकी भरपाई करना कितना अवाश्यक है। वहीं, लोग अब ट्री प्लांटेशन के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन हल्द्वानी में तो इसका उल्टा ही देखने को मिला। जी हां बता दें कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाने के नाम पर आधा दर्जन से अधिक पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई, जिनमें कई हरे पेड़ भी शामिल हैं। दरअसल, सुशीला तिवारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना है, लेकिन हरे पेड़ों के कारण दिक्कतें आ रही थी, ऐसे में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हरे पेड़ों कटवा दिया।
आपको बताते चले कि सुशीला तिवारी अस्पताल में लंबे समय से ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन उसके लिए सही जगह नहीं मिल पा रही थी, जिस वजह से मामला लंबित था। वहीं, लंबे समय तक चले प्रोसेस के बाद प्रबंधन ने सुशीला तिवारी अस्पताल के पीछे ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया, लेकिन यहां कई हरे पेड़ थे। वहीं, वन विभाग ने कोई उपाय न देख इन पेड़ों को काटने का फैसला कर बुधवार को करीब एक दर्जन से ज्यादा पेड़ों पर आरी चलवा दी। पेड़ काटने को लेकर अस्पताल प्रबंधन के अपने तर्क हैं। वहीं, एमएस डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट काफी संवेदनशील होता है और इसके लिए उपयुक्त जगह का चुनाव करना अनिवार्य है। इसके लिए वन विभाग को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ों को काटा गया। अस्पताल प्रबंधन चाहे कुछ भी कहे, लेकिन हरे पेड़ काटे जाने को लेकर पर्यावरण प्रेमी नाराजगी जता रहे हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर हरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई, इसके बजाय दूसरे विकल्पों पर ध्यान दिया जाना चाहिए था।
वहीं, एमएस डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट काफी संवेदनशील होता है और इसके लिए उपयुक्त जगह का चुनाव करना अनिवार्य है। इसके लिए वन विभाग को पत्र लिखा गया था, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ों को काटा गया। अस्पताल प्रबंधन चाहे कुछ भी कहे, लेकिन हरे पेड़ काटे जाने को लेकर पर्यावरण प्रेमी नाराजगी जता रहे हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर हरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई, इसके बजाय दूसरे विकल्पों पर ध्यान दिया जाना चाहिए था।