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पूर्व मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित सीएम को दे डाली सलाह, कहा - अपने प्रदेश अध्यक्ष के झूठ को उत्तराखण्ड के नौजवानों के सामने न परोसें

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में भाजपा के युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी ने तमाम उठापटक और अटकलों के बाद आज देहरादून स्थित राजभवन में उत्तराखण्ड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। तो वहीं भाजपा के नए सीएम के ऐलान के बाद हरीश रावत ने भी पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी है। बधाई देने के साथ ही हरीश रावत ने कहा कि आज नए सीएम को मैं एक सलाह भी देना चाहता हूंँ, उनके पास और उनकी पार्टी के पास यह अंतिम  अवसर है कि वो 2017 के अपने चुनावी घोषणा पत्र को खोलें। क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि पहले के दोनों माननीय मुख्यमंत्री, चुनावी घोषणा पत्र को खोल पाए! यदि  पुष्कर सिंह धामी चुनावी घोषणा पत्र को खोल लेते हैं तो उन्हें एक अच्छा विद्यार्थी माना जाएगा।

इसी के साथ हरदा ने बेरोजगारी को लेकर भी निशाना साधा हरदा ने सोशल मीडिया में पोस्ट लिख कर कहा कि जिस राज्य में बेरोजगारी की वृद्धि दर 23.30 प्रतिशत पहुंच गई हो, कोरोना की दूसरी लहर में हॉस्पिटलों ने किस तरीके से अंडररिर्पोटिंग की है उसकी कहानियां छप रही हों, जहां कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग का एक शर्मनाक घोटाला हो गया हो, विकास कार्य ठप पड़े हुये हों, अपराधों की वृद्धि दर सर्वाधिक हो, उस राज्य के नवागंतुक मुख्यमंत्री जी के लिए बहुत सारी चुनौतियां हैं। मगर एक सलाह और भी मैं उनको देना चाहूंगा कि वो इस मामले में अपने प्रदेश अध्यक्ष के झूठ को उत्तराखण्ड के नौजवानों के सामने न परोसें, उन्होंने एक झूठ परोसा है कि 7 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं। मैं समझता हूंँ कि इतना लंबा झूठ बोलने का रिकॉर्ड और किसी के नाम पर नहीं होगा। यह संख्या केवल कुछ दर्जनों तक सीमित है।

मैं, पुष्करसिंहधामी जी से कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री होता है, वो कितनी ही अवधि का मुख्यमंत्री हो। यदि उसमें निर्णय लेने की संकल्प शक्ति है तो निर्णय लिए जाते हैं। मैंने सर्वाधिक निर्णय उस दौर में लिए जब मेरी सरकार पर केंद्रसरकार ने राजनैतिक अस्थिरता थोप दी थी। एक तरफ न्यायालय में मुकदमे लड़ रहे थे और दूसरी तरफ जनता के हित के लिए जिस दिन भी वक्त मिल रहा था, उस उस दिन फैसला कर रहे थे। जिस दिन मैं 1 दिन के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुआ, मैंने एक दर्जन जन कल्याणकारी निर्णय लिए और उनको लागू करवाया। इसलिए भाजपा में तो किसी मुख्यमंत्री का ऐसा रिकॉर्ड नहीं है, वो हमारा रिकॉर्ड खंगाल लें और उस रिकॉर्ड में उनको बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे कि निर्णय कैसे लिए जाते हैं। मेरा किसी भी भाजपाई के साथ कोई सॉफ्टकॉर्नर नहीं रहता है, लेकिन नौजवान के साथ जरूर सॉफ्ट कॉर्नर है, एक नौजवान को मौका मिला है तो मैं चाहता हूंँ कि वो नौजवान थोड़ा सा ही सही, कुछ तो चमक दिखाएं और यदि कुछ भी चमक नहीं दिखा पाया तो हजारों-हजार उत्तराखण्ड के नौजवानों को घोर निराशा होगी। 

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