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उत्तराखण्ड सरकार व उत्तराखण्ड पुल‍िस के सामने कांवड़ यात्रा को लेकर कई चुनौतियां, जान‍िए

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए लगातार दूसरे वर्ष भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। उत्तराखण्ड सरकार ने सचिवालय में मंगलवार को कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक में अंतिम निर्णय लिया, जिसके तहत इस साल भी पिछले साल की तरह की कांवड़ यात्रा संचालित नहीं होगी। ऐसे में इस साल भी कांवड़ियों को निराशा ही हाथ लगी है। आपको बता दें कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जगह-जगह एकत्र हो रही भीड़ को देखते हुए की गई अपील और विभिन्न संगठनों, बुद्धिजीवियों व जनता की राय प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा को स्थगित करने के निर्णय का आधार बनी। जबकि, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से संभावित खतरे को देखते हुए भी कांवड़ यात्रा को जारी रखने का फैसला लिया है। अगर पड़ोसी राज्यों ने कांवड़ यात्रा पर रोक न लगाई तो उत्तराखण्ड सरकार के सामने मुख्य चुनौती कांवड़ यात्रा की अवधि के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने की खासी परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐसे में अब सरकार व शासन की नजर अन्य राज्यों के रुख पर टिकी हुई है।

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आपका बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा स्थगित नहीं की गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं। इनकी संख्या कुछ लाख नहीं, बल्कि दो से ढाई करोड़ के आसपास होती है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को प्रदेश की सीमा पर रोक पाना सरकार के बस में नहीं है। कारण यह कि हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान प्रदेश सरकार अन्य राज्यों से भी पुलिस के जवानों को बुलाती है। ऐसे में यदि लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन सीमा में आते तो इनकी आरटीपीसीआर अथवा एंटीजन जांच, मास्क और शारीरिक दूरी की अनिवार्यता का अनुपालन कराना संभव नहीं था। उन्हें रोकने की स्थिति में टकराव के हालात बन सकते थे। हालांकि, यात्रा स्थगित होने के बावजूद यह चुनौती अभी भी प्रदेश सरकार के सामने यथावत है। यह बात सरकार भी समझ रही है। इसीलिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव गृह और महानिदेशक पुलिस को पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्यवाही का अनुरोध करने को कहा है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 को निर्देश दिए हैं कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा कोरोना प्रोटोकॉल के साथ हो सकेगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के संबंध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा कराई जाए। वहीं, यूपी सरकार के इस फैसले के बाद से उत्तराखण्ड पुल‍िस की च‍िंताएं बढ़ गई है। ऐसे में उत्तराखण्ड पुलिस का कहना है कि राज्य की सीमा में किसी भी कांवड़िए को जबरदस्ती नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके लिए भारी सुरक्षा फोर्स को डिप्लॉय किया जाएगा। साथ ही अगर किसी राज्य को गंगाजल चाहिए तो उसको टैंकरों में भेजा जाएगा।

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