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उत्तराखण्ड : गुलदार ने गरीब के खच्चर को बनाया था निवाला, भरोसा फाउन्डेशन मदद को आया आगे

उत्तर नारी डेस्क 

कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा मिल जाए तो वह मझधार में डूबने के बजाय नदी पार हो जाता है। ऐसा ही एक वाक्या यमकेश्वर क्षेत्र के मवासा गांव के वीरेंद्र सिंह रावत सुपुत्र रेजा सिंह रावत के साथ घटित हुई है। हुआ यूं कि हाल ही में वीरेंद्र सिंह रावत के दो खच्चरों को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया था। वहीं, खच्चर के दम तोड़ते ही लगा जैसे वीरेंद्र सिंह रावत की आर्थिकी की रीढ़ टूट गई हो। चूंकि आजीविका का एक मात्र साधन और परिवार का भरण पोषण के लिए वीरेंद्र के पास खच्चर ही एकमात्र जरिया था। जिसको देखते हुए आज भरोसा फाउंडेशन के संस्थापक हेमन्त बहुखंडी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें सहायता राशि दी और आने वाले समय में पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से फ़ोन पर वार्तालाप करके जितनी जल्दी हो सके उनको मुआवजा देने के लिए कहा। ताकि उनके परिवार की आजीविका फिर से सुचारू रूप से चल पड़े।

बता दें कि भरोसा फाउन्डेशन के प्रयासों से पहले ही कल मौके पर वन विभाग की टीम द्वारा घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण किया गया और जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को मुवाअजा देने के सम्बंध में कार्यवाही की गई। बता दें कि इस अवसर पर भरोसा फाउंडेशन सदस्यों के अलावा मवासा ग्राम प्रधान गीता देवी, पपेंद्र रावत  और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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