उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले से सटे नैनी गांव में के रहने वाले बहादुर युवा नरेश सिंह सामंत से गुलदार को टकराना भारी पड़ गया है। जी हाँ आपने पहाड़ में बहादुर महिलाओं को गुलदार से लड़ते सुना होगा। लेकिन इस बार नैनी गांव में बकरी चरा रहे एक युवक पर जब तेंदुए ने हमला किया तो उसने अपनी आत्मरक्षा में तेंदुए पर हमला कर उसे मौत के घाट उतर दिया।
आपको बता दें बीते रविवार नैनी गांव में 39 वर्षीय नरेश सिंह सामंत रोज की तरह अपने गांव से सटे जंगल में बकरी चराने गए थे। इसी बीच अचानक एक तेंदुआ बकरी पर आकर झपटा मारने लगा जिस पर नरेश सिंह ने बकरी को बचाया। तो गुलदार ने उस पर ही हमला कर दिया। आत्मरक्षा के लिए नरेंद्र सिंह गुलदार के साथ भिड़ गया। जिस पर उन्होंने हाथ में आयी दराती से अपनी आत्मरक्षा के दौरान गुलदार पर प्रहार किया। दराती के वार से तेंदुआ की मौके पर ही मौत हो गई। तो वहीं इस दौरान ग्रामीण भी घायल हो गया। जिसके बाद नरेश ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन रेंजर डीसी जोशी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया अगर नरेश तेंदुए पर हमला नहीं करते तो वह उन्हें मार डालता।
वन रेंजर दिनेश जोशी ने बताया कि मामला आत्मरक्षा का साबित हुआ। जिसके बाद टीम ने तेंदुए का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद शव नष्ट कर दिया हैं। तो वहीं वन रेंजर डीसी जोशी ने बताया कि तेंदुआ दो वर्ष की मादा थी।