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जनपद पुलिस द्वारा “ऑपरेशन कामधेनु" के तहत की गयी कार्यवाही, पढ़ें

उत्तर नारी डेस्क 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कु0 पी0 रेणुका देवी जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा जनपद में सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं के कारण अक्सर यातायात अवरुद्ध होने से जाम की स्थिति उत्पन्न होने एवं इन पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनायें घटित होने तथा आवारा घूमने वाले पशुओं पर नियन्त्रण लगाये जाने हेतु जनपद में “ऑपरेशन कामधेनु” की शुरूवात की गयी है। जनपद के थाना क्षेत्रान्तर्गत पौड़ी, श्रीनगर, कोटद्वार, लैन्सडाउन एवं लक्ष्मणझूला को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में आवारा घूमने वाले पशु स्वामियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिसके क्रम में दिनांक 19.07.2021 से अब तक जनपद पुलिस द्वारा निम्न कार्यवाहियाँ की गयी हैः-

➡️ जनपद के थाना पौड़ी, श्रीनगर, कोटद्वार, लैन्सडाउन एवं लक्ष्मणझूला पुलिस द्वारा जारी की गयी एसओपी के तहत सर्वप्रथम अपने-अपने थाना क्षेत्रों में आवारा घूमने वाले पशुओं का रजिस्ट्रेशन पशुपालन विभाग से करवाये जाने एवं पशुओं को आवारा न छोड़ने हेतु जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके तहत जनपद पुलिस द्वारा सम्बन्धित पशुचिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित कर अब तक 1170 कामधेनु का पंजीकरण करवाया गया है।

➡️ पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थानों में घूमने वाले कामधेनु को सम्बन्धित नगर निगम व नगर पालिका से समन्वय स्थापित कर 178 कामधेनु को गौशाला पहुँचाया गया एवं 07 आवारा पशुओं को आमजन द्वारा गोद लिया गया। 

➡️ जनपद पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाये जाने के पश्चात भी कुछ कामधेनु स्वामियों द्वारा अपने पशुओं  को सड़कों में आवारा छोड़ने पर 235 पशु स्वामियों के विरुद्ध उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2015 व उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की गयी| 

➡️ जनपद पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कामधेनु अभियान के दौरान यह सकारात्मक परिणाम आया कि लोगों द्वारा जागरूक होने के पश्चात अपने पालतू गायों को अब सड़कों पर आवारा नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे जनपद में विगत 3 माह में आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाएं नहीं हो रही हैं| 

अपीलः-

जनपद पुलिस द्वारा सभी पशु स्वामियों से निवेदन है किः-

➡️ अपने पशुओं का पशुपालन विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाकर टैग अवश्य लगवायें।

➡️ अपने पशुओं को सड़कों में आवारा न छोड़ें।

➡️ आवारा पशुओं के कारण यातायात अवरूद्ध एवं दुर्घटनायें होने की पूर्ण सम्भावनायें रहती है.

➡️ कुछ कामधेनु स्वामियों द्वारा अपने दुधारू गायों के दूध न देने के पश्चात सड़कों पर आवारा छोड़ दिया जाता है। जिससे पशु पॉलिथीन कूड़ा करकट आदि खाकर मर जाते हैं। अतः मानवता के दृष्टिगत अपने पशुओं को सड़को पर आवारा न छोड़कर अपने घर की गौशालों में ही रखकर पालन पोषण करें।

➡️ अन्यथा सम्बन्धित पशु स्वामी के विरुद्ध उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम-2007 के तहत नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

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