उत्तर नारी डेस्क
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बता दें कि महिला ने वसंत बिहार थाना पुलिस में तहरीर देते हुए बताया था कि उसके पहले पति की मौत हो गई और उसकी 14 साल की एक बेटी है। महिला ने फिर से शादी करने के लिए एक मैट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल बनाई। जिसके बाद एक व्यक्ति ने संपर्क कर अपना नाम विशाल गुप्ता बताया और कहा कि उसका अच्छा व्यवसाय है और वह गाजियाबाद में काम करता है। उसकी अब तक शादी नहीं हुई है, ऐसे में दोनों ने शादी करने का मन बना लिया। जिसके बाद दोनों ने 8 मई 2020 को शादी कर ली। फिर शादी के बाद महिला का पति उसे गाजियाबाद ले आया, जहां दोनों किराये के मकान पर रहते थे। इसी बीच महिला गर्भवती हो गई और जब उसकी डिलीवरी नजदीक आई तो आरोपी पति उसे उसके मायके देहरादून में छोड़कर चला गया। 27 फरवरी को महिला को पता चला कि उसके पति ने जो नाम उसे बताया है वो गलत नाम है और उसका असली नाम धर्मेंद्र है। साथ ही उसकी पहले से ही शादी हुई है और उसके बच्चे भी हैं। जिसके बाद महिला अपने किराये वाले मकान पर पहुंची तो उसने दरवाजे पर ताला लटकता हुआ। इसके बाद महिला ने अपने पति को फोन किया तो उसने महिला को दिल्ली स्थित कश्मीरी गेट बुलाया, जहां दोनों मिले और बातचीत की। इस दौरान महिला ने आरोपी पति से डिलीवरी का खर्चा मांगा तो उसने कहा कि वह दो दिन बाद देहरादून आ रहा है तो वहां पैसे दे देगा। लेकिन वह देहरादून नहीं आया। फिर तो महिला अप्रैल माह में उसके घर निरंकारी कालोनी धीरपुर दिल्ली ही पहुँच गई।
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