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देवभूमि उत्तराखण्ड की बेटी संगीता ने नेपाल में फहराया देश का तिरंगा, जीता स्वर्ण पदक

उत्तर नारी डेस्क 

बेटियां किसी से कम नहीं होती हैं। आज के समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। अच्छा लगता है जब बेटियां आगे बढ़कर अपने परिवार सहित प्रदेश और देश का नाम रोशन करती है। देवभूमि उत्तराखण्ड में होनहार बेटियों की कमी नहीं है। देवभूमि की इन बहादुर एवं होनहार बेटियों ने न केवल ऊंचे-ऊंचे मुकाम हासिल किए है बल्कि हर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों को भी चित होने पर मजबूर किया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय एथलीट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का तिरंगा बुलंद किया। जी हां, हम बात कर रहे हैं अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट ब्लॉक की मल्ली किरौली की प्रतिभावान धाविका संगीता किरौला की। जिसने 5वीं इंडो नेपाल अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में 1500 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीत न केवल देवभूमि उत्तराखण्ड को गौरवान्वित किया है बल्कि पड़ोसी मित्र राष्ट्र की धरती पर भारत का डंका भी बजाया है। संगीता की इस उपलब्धि से उनके परिवार सहित समूचे क्षेत्र में खुशी की लहर है।

बता दें कि संगीता किरौला ताइक्वांडो की बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ ही एथलीट में भी हुनर का लोहा मनवा रही है। इस दौड़ में संगीता के अतिरिक्त 7 अन्य धाविकाओं ने हिस्सा लिया था लेकिन संगीता ने सभी को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले भी संगीता लंबी दौड़ व ताइक्वांडो में अब तक 50 से ज्यादा पदक जीत चुकी हैं। संगीता वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स ऑफ काॅमर्स काॅलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। वहीं, उनके पिता हरीश सिंह किरौला वन विभाग से सेवानिवृत हैं और माता हंसी देवी गृहणी हैं।

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