Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखण्ड : यूक्रेन में फंसी लैंसडौन की संस्कृति ने बताई आपबीती

उत्तर नारी डेस्क

रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। जिसके बाद वहां के हालात दिन-ब-दिन लगातार बिगड़ते जा रहे है। लोग घरों, सबवे, खंदकों और मेट्रो स्टेशनों में छिपे रहने को मजबूर हैं। कीव समेत यूक्रेन के कई शहरों में चारों तरफ तबाही का मंजर देखा गया। जिसके चलते वहां रह रहे भारतीयों को वापस स्‍वदेश लाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। इस बीच कीव में उत्तराखण्ड के छात्र भी फंसे हुए हैं। जिनको वतन वापसी लाने की कोशिशे लगातार जारी है। इसी क्रम में वहां मेडिकल की शिक्षा ले रही लैंसडौन निवासी संस्कृति अग्रवाल भी अपने घर वापस लौट आयी है। रविवार को जब संस्कृति अपने घर पहुंची तो उसने व उसके स्वजन ने चैन की सांस ली।

बता दें मेडिकल की शिक्षा के लिए यूक्रेन गई लैंसडौन निवासी संस्कृति अग्रवाल ने बताया कि उन के यह 72 घंटे काफी चुनौतियों से भरे रहे। संस्कृति ने बताया कि वह लगातार फोन पर अपने स्वजन से जुड़ी हुई थी, लेकिन मन में वतन वापस लौटने की भी चिंता बना हुई थी। संस्कृति बताती है कि चनीविक्सी शहर रोमानिया बार्डर के निकट था, जिससे वह जल्द वतन वापस लौटने में सफल रही। संस्कृति उन 152 छात्रों के साथ रविवार की सुबह भारत लौटी है, जिन्हें भारत सरकार की ओर से विशेष विमान से लाया गया। 

संस्कृति बताती है कि वह इसी माह छह फरवरी को मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गई थी। शुरूआती समय में उसे चनीविक्सी शहर में सब कुछ ठीक लग रहा था। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर वह काफी उत्साहित भी थी, लेकिन कुछ दिन पूर्व युद्ध की घोषणा होते ही स्थितियां अचानक बदलने लगी। खाद्य सामग्री जमा करने के लिए सुपर मार्किट व अन्य प्रतिष्ठानों में व्यक्तियों की भीड़ उमड़ने लगी। चारों ओर अफरातफरी जैसा माहौल दिखाई दे रहा था। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी भारतीय मूल के छात्रों को हो रही थी। क्यूंकि उन्हें अपने वतन वापसी भी करनी थी। 

संस्कृति ने बताया कि वह अब अपने घर आकर काफी खुश हैं। बताते चलें उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जारी टोल फ्री 112 नंबर पर यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर परिजन फोन कर लगातार जानकारी दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें - स्वर्गाश्रम में हाथी ने फक्कड़ बाबा को उतारा मौत के घाट, एक घायल, लोगों में दहशत 

Comments