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उत्तराखण्ड में मानसून की बेरुखी बकररार, 12 साल में सबसे गर्म बीता मार्च

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में शुष्क मौसम के बीच पारे में उछाल बरकरार है। मौसम की बेरुखी के चलते मार्च सूखा बीत गया। इस दौरान प्रदेश के छह जिलों में बारिश नहीं हुई। जबकि, सात जिलों में भी नाम मात्र की बारिश हुई।


मार्च मध्य से ही हो रहा भीषण गर्मी का एहसास

दून में 38 साल बाद यह पहला मौका है जब मार्च बिना बारिश के गुजर गया। ऐसे में ज्यादातर जिलों में पारा भी सामान्य से कई डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना रहा। जिससे मार्च मध्य से ही भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है।


तापमान में भी हो रही है लगातार वृद्धि

12 साल बाद उत्तराखण्ड के ज्यादातर इलाकों में पारा औसत से चार से सात डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। मार्च शुरू होने के साथ ही प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है। चटख धूप खिलने के साथ ही तापमान में भी लगातार वृद्धि हो रही है। मौसम की बेरुखी से प्रदेश के तकरीबन सभी जिले बारिश को तरस रहे हैं। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में अब तक मेघ नहीं बरसे हैं। जबकि, इन सभी जिलों में सामान्य बारिश 10 से लेकर 46 मिलीमीटर तक दर्ज की जाती है। मौसम विशेषज्ञ इसे पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रवाह के कमजोर पड़ने को मान रहे हैं।

फिलहाल बारिश के आसार कम

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल बारिश के आसार कम हैं। अगले कुछ दिन मौसम पूरी तरह शुष्क रहने की आशंका है। जिससे तापमान में और वृद्धि हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के उत्तराखण्ड में अगले तीन दिन तक दस्तक देने की उम्मीद कम है।

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