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पौड़ी गढ़वाल : विदेशी प्रजाति की मधुमक्खियों द्वारा शहद उत्पादन, जानें शहद से जुड़ी महवपूर्ण बातें

उत्तर नारी डेस्क 

गजवाड ग्रामसभा के अंतर्गत घिलड़ियाल गांव में शहद उत्पादन का प्रयास किया जा रहा है। इसमें पश्चिमी या यूरोपियन प्रजाति की मधुमक्खी आपिस मालिफेरा (Apis Malifera) का पालन किया जा रहा है जो कि मूलतः इटली की प्रजाति है। यह मधुमक्खी बहुत ही स्वास्थ्य व सफाई प्रिय प्रजाति मानी जाती है जो पहाड़ के वातावरण के अनुकूल बन सकती है। शहद का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आया है और शहद के फायदे के बारे में आयुर्वेद में भी प्रमुखता से उल्लेख मिलता है। आयुर्वेद में शहद को एक औषधि का दर्जा हासिल है और अब पूरी दुनिया में लोग मिठास के लिए भी शहद का इस्तेमाल करने लगे हैं। पिछले कुछ दशकों में शहद पर हुए कई वैज्ञानिक शोध आयुर्वेद में बताए इसके गुणों की पुष्टि करते हैं। 

शहद का उपयोग आप किसी भी रुप में करें यह आपकी सेहत के लिए उतनी ही फायदेमंद है। बस इसके इस्तेमाल से पहले यह ज़रुर जांच लें कि उपयोग में लाया जा रहा शहद असली है या मिलावटी क्योंकि मिलावटी शहद खाने से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। शहद की गुणवत्ता को लेकर लोग हमेशा असमंजस में रहते हैं। असली शहद की पहचान आपकी जानकरी के लिए बता दें कि असली शहद काफी गाढ़ा होता है और पानी में डालने पर यह आसानी से घुलता नहीं है बल्कि तली में जाकर जम जाता है जबकि नकली शहद पानी में जल्दी घुल जाता है। हालांकि शहद की शुद्धता जांचने का यह कोई निश्चित पैमाना नहीं है। 


शहद में पाए जाने वाले वाले पोषक तत्व :

शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। शहद में मुख्य रुप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। एक चम्मच (21 ग्राम) शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज एवं माल्टोज) होता है। शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन बिल्कुल भी नहीं होता है।


शहद के औषधीय गुण :

शहद के औषधीय गुणों की बात करें तो यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी मानी जाती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही शहद को औषधि माना गया है। आज के समय में मुख्य रुप से लोग त्वचा में निखार लाने, पाचन ठीक रखने, इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने, वजन कम करने आदि के लिए शहद का उपयोग करते हैं। इसके अलावा शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिसकी वजह से घाव को भरने में या चोट से जल्दी आराम दिलाने में भी यह बहुत कारगर है।


शहद खाने का तरीका :

शहद के फायदे के बारे में अधिकतर लोगों को पता होता है लेकिन शहद खाने के तरीके को लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। आपकी जानकरी के लिए बता दें कि आप कई तरह से शहद का सेवन कर सकते हैं। आप रोजाना एक से दो चम्मच शहद सीधे तौर पर खा सकते हैं या इसे दूध में इसे मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा खाली पेट हल्के गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन वजन कम करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। कुछ लोग हल्के गुनगुने पानी और शहद के मिश्रण में नींबू मिलाकर भी सेवन करते हैं। इसी तरह अगर आप शहद का इस्तेमाल त्वचा के निखार या बालों के लिए करना चाहते हैं तो नीचे बताए गये तरीकों को अपनाएं या चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपयोग करें।


शहद के फायदे:

शहद के फायदों को देखते हुए ही आयुर्वेद में इसे अमृत समान माना गया है। छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक शहद सभी के लिए उतनी ही फायदेमंद है। नियमित रुप से शहद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। आइये शहद के प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।


खांसी से आराम:

अगर आपकी खांसी कई दिनों से ठीक नहीं हो रही है तो आप शहद का इस्तेमाल करें। यह खांसी से आराम दिलाने की असरदार घरेलू दवा है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को और बढ़ने से रोकते हैं साथ ही यह कफ को पतला करती है जिससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। खासतौर पर जो लोग सूखी खांसी से परेशान रहते हैं उन्हें शहद से जल्दी आराम मिलता है।


सेवन विधि : खांसी से आराम पाने के लिए आप दो तरीकों से शहद का सेवन कर सकते हैं।


पहला तरीका :  रात में सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर उसे पियें। यह बलगम को पतला करने के साथ साथ खांसी से जल्दी आराम दिलाती है।


दूसरा तरीका : अदरक और शहद से तैयार पेय भी खांसी से आराम दिलाने में कारगर है।


कटने या जलने पर:

त्वचा के कटने-छिलने या जल जाने पर भी शहद का उपयोग करना बहुत लाभकारी है। शहद में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण जले हुए हिस्से को जल्दी ठीक करते हैं और त्वचा को संक्रमण से भी बचाते हैं।


उपयोग विधि: अगर आपकी त्वचा में हल्की खरोंच आ गयी है या कोई हिस्सा मामूली रूप से जल गया है तो उस हिस्से पर शहद लगाएं। यह जलन को कम करती है और उस हिस्से में संक्रमण को रोकती है।


वजन कम करने में सहायक:

अगर आप बढ़ते वजन या मोटापे से परेशान हैं तो शहद के सेवन से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहद में वसा बिल्कुल भी नहीं होता है। यह वजन को नियंत्रित रखने के साथ साथ शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करती है। इसलिए नियमित रूप से शहद का सेवन करें।


सेवन विधि: रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें। इसे पीने के आधे से एक घंटे तक कुछ भी ना खाएं। आप इस मिश्रण में आधे नींबू का रस भी मिला सकते हैं।


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक:

शहद में ज़रुरी एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और दिल से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से बचाव करते हैं। इसके अलावा शहद का मुख्य काम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। इम्युनिटी पॉवर मजबूत होने से कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।


सेवन विधि : शरीर की इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना एक से दो चम्मच शहद को हल्के गुनगुने दूध में मिलाकर पियें। दूध में शहद डालकर पीने से यह और ज्यादा गुणकारी हो जाता है।


घाव भरने में मदद:

शहद में मौजूद तत्वों फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक एसिड और लैसोजाइम में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को रोकते हैं और क्षतिग्रस्त ऊतकों और कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करती है।


उपयोग विधि :  घाव वाली जगह पर सीधे शहद लगाएं और अगर घाव में जलन भी हो रही है तो शहद में गुलाबजल मिलाकर सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं।


गले की खराश :   

शहद के फायदे की लिस्ट में गले की खराश दूर करना भी शामिल है। यह खांसी और सर्दी-जुकाम से तो आराम दिलाती ही है साथ ही अगर आपका गला बैठ गया है या गले में खराश है तो भी आप शहद  का सेवन करके आराम पा सकते हैं।


सेवन विधि : गले की खराश से जल्दी आराम पाने के लिए एक चम्मच अदरक के रस में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।


कब्ज़ से राहत:

अगर आप कब्ज़ के मरीज हैं तो समझ लें कि आप कई अन्य बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं। पेट से जुड़ी कई समस्याओं की मूल जड़ कब्ज़ ही है। शहद शरीर में फ्रक्टोज के अवशोषण को कम करती है इस वजह से आप इसका उपयोग  कब्ज़ को दूर करने में भी कर सकते हैं। कब्ज़ से आराम दिलाने के अलावा यह पेट फूलने और गैस की समस्या से भी आराम दिलाती है।


सेवन विधि: कब्ज़ से आराम पाने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले एक गिलास हल्के गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें।


शहद के फायदे त्वचा के लिए:

शहद के फायदे  सिर्फ पाचन और इम्युनिटी बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह त्वचा में निखार लाने में भी मदद करती है। शहद में ऐसे गुण होते हैं जो आस पास की नमी को सोख लेती है और त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करती है। जिन लोगों की त्वचा बहुत रुखी होती है उन्हें अपनी त्वचा को नम बनाये रखने के लिए शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि त्वचा में निखार लाने के लिए इसे खाने की बजाय इसे त्वचा पर लगाया जाता है। त्वचा के लिए आप कई तरीकों से शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां हम उपयोग की कुछ प्रमुख विधियाँ बता रहे हैं :  


उपयोग विधि:


A- रुखी त्वचा वालों के लिए : एक चम्मच शहद लें और इसे त्वचा के रुखे हिस्से पर लगाएं। 15-20 मिनट तक इसे सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। इसे एक हफ्ते में कम से कम तीन बार प्रयोग करें।


B-  त्वचा के निखार के लिए : चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए आप शहद से तैयार फेसपैक का इस्तेमाल करें। आमतौर पर शहद और नींबू, शहद और दूध, शहद और केला एवं शहद और योगर्ट से तैयार फेसपैक ज्यादा फायदेमंद होते हैं।

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बालों के लिए फायदेमंद :

बालों के रूखेपन के कारण बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। शहद के उपयोग से बालों की सुन्दरता बढ़ती है और उनके रुखेपन में कमी आती है। शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों के लिए फायदेमंद है। यह फ्री रेडिकल को हटाती है और ज्यादा देर तक धूप में रहने से या किसी हानिकारक केमिकल से बालों को होने वाले नुकसान को रोकती है। शहद से बालों को सही पोषण भी मिलता है।


उपयोग विधि : बालों के लिए आप कई तरीकों से शहद का उपयोग कर सकते हैं।


A- दही के साथ शहद को मिलाकर हेयर मास्क बना लें और इसे बालों पर लगाएं। इससे खराब बालों को पोषण मिलता है।


B- शहद और अंडे से बना हेयर मास्क ख़राब बालों की मरम्मत करते हैं।


C- शहद और एलोवेरा का मिश्रण बालों के बढ़ने में मदद करता है।


मुंहासे दूर करने में उपयोगी :

शहद में मौजूद जायलोज (Xylose) और सुक्रोज, वाटर एक्टिविटी को कम करते हैं और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इस वजह से शहद मुहांसे दूर करने में काफी उपयोगी है।


उपयोग विधि : रात में सोने से पहले शहद (honey in hindi) की थोड़ी सी मात्रा लेकर सीधे मुंहासे पर लगाएं और रात भर के लिए सूखने दें। अगली सुबह इसे ठंडे पानी से धो लें।


शहद के सेवन से जुड़ी सावधानियां:

शहद के फायदे तो अब आप सभी को पता चल ही चुकें हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहद के सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? जी हाँ, अगर आप ज़रुरत से अधिक मात्रा में या गलत चीजों के साथ शहद मिलाकर खाते हैं तो आपको शहद के नुकसान  झेलने पड़ सकते हैं। आइये जानते हैं कि शहद के नुकसान क्या हैं और किन परिस्थितियों में या किन चीजों के साथ शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।


अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें :  

अगर आप सामान्य रूप से खाने में शहद का सेवन कर रहे हैं तो दिन भर में एक से दो चम्मच का सेवन पर्याप्त है और अगर आप इसे औषधि के रूप में या त्वचा के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा बताए खुराक के अनुसार ही सेवन और उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से शहद के साइड इफ़ेक्ट (side effects of honey) हो सकते हैं और इससे उल्टी-मिचली आना और कुछ मामलों में डायरिया की शिकायत हो सकती है।


एक साल से कम उम्र के बच्चे को ना खिलाएं शहद  :

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसा माना गया है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बोटुलिज़्म (Botulism) का खतरा हो सकता है। इसलिए अगर आप एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद खिलाना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर की सलाह लें। इसी तरह छोटे बच्चों की त्वचा पर भी शहद लगाने से परहेज करना चाहिए।


पराग कणों से एलर्जी वाले लोग करें परहेज  :

यदि आपको पराग कणों से एलर्जी (pollen allergy) है तो आपको शहद के सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। शोध के अनुसार जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है, अगर वे शहद का उपयोग करते हैं तो उनकी एलर्जी और बढ़ सकती है।


संवेदनशील त्वचा वाले लोग करें परहेज  :

अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो सीधे तौर पर शहद न लगाएं, बल्कि शहद में गुलाब जल या दूध मिलाकर उसे पतला कर लें और फिर उसे त्वचा पर लगाएं। दूध और शहद का मिश्रण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।


अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल :

कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या डायबिटीज के मरीज शहद का सेवन कर सकते हैं? या चीनी की बजाय शहद का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन लोगों का डायबिटीज नियंत्रण में है वे खाने के तौर पर शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे डायबिटीज से होने वाली समस्याओं से बचाव होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपका शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है तो फिर शहद के सेवन से परहेज करें। मधुमेह के मरीज शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।


ब्लड प्रेशर के मरीज :

अगर आप पहले से हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां (antihypertensive medicine) ले रहे हैं तो रोजाना शहद खाने के दौरान अपना ब्लड प्रेशर ज़रुर चेक करते रहें।


समान मात्रा में घी और शहद ना लें:  

आयुर्वेद में घी और शहद की समान मात्रा का एक साथ सेवन ना करने की सलाह दी गयी है। आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए घी के साथ शहद का समान मात्रा में सेवन ना करें।


गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान:

वैसे तो शहद के फायदे हर उम्र के लोगों के लिए उपयोगी हैं लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान आप इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें। अगर आप शहद का सेवन औषधि के रुप में करना चाहती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करें।


गर्म पानी में डालकर ना पियें :

गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पानी एकदम खौलता हुआ नहीं होना चाहिए और कभी भी शहद को पानी में डालकर उबालें नहीं क्योंकि ये भी विरुद्ध आहार की श्रेणी में आते हैं। इसलिए हमेशा हल्के गुनगुने पानी या सामान्य तापमान वाले पानी के साथ ही शहद का प्रयोग करें।

आजकल बाज़ार में शहद के कई ब्रांड्स उपलब्ध हैं जिनमे मिलावट की आशंका से हम शहद की खरीद व उपयोग करने में आशंकित रहते हैं। अब आप शहद के फायदे और नुकसान से भलीभांति परिचित हो चुके हैं इसलिए शहद का प्रयोग शुद्धता सुनिश्चित करने के बाद ही करें। 


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