Uttarnari header

राह में छूट गये थे बच्चे, पुलिस की मदद से सकुशल मिल पाये

उत्तर नारी डेस्क 

श्री केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग के माध्यम से जाने हेतु पैदल चलने के अलावा घोड़ा (खच्चर) डंडी, कंडी, पालकी इत्यादि संसाधन मौजूद हैं विशेषकर छोटे बच्चों को लेकर जाने का आसान तरीका कंडी ही होता है। कुछ यूं हुआ था कि एक कंडी वाला दो बच्चियों को लेकर भीमबली पुलिस चौकी पर आया तथा बताया कि इन बच्चों के माता-पिता जंगलचट्टी के पास से बिछड़ गए हैं, क्योंकि वे लोग घोड़े पर थे और वह (कंडी वाला) पैदल। जब से बच्चों के माता-पिता उससे कुछ आगे चले जाने के कारण बच्चों को उनके माता-पिता नहीं दिख पाने के कारण लगातार बच्चे रो रहे हैं तथा अब कंडी पर नहीं बैठ रहे हैं। जैसे-तैसे इन बच्चों को यहां तक ले आया हूं। कंडी वाले की बात सुनकर चौकी भीमबली में तैनात पुलिस कार्मिक मुख्य आरक्षी प्रशिक्षु विनोद कुमार द्वारा उन बच्चों को प्यार से चौकी पर बैठाया। उनसे प्यार से बात की तथा बताया कि, अभी उनके मां-पिता को बुला रहे हैं। बच्चों से उनका नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम युक्ति (उम्र 8 वष) तो दूसरे ने यीशू (उम्र 5 वर्ष) गुजरात का होना बताया गया। बच्चों के यथासम्भव खाने-पीने का प्रबन्ध करने के उपरान्त सूचना पुलिस के वायरलेस सूचनातंत्र के माध्यम से फ्लैश करायी गयी। सम्भव था कि, किसी परिजन के बच्चे उनके पास न हों तो वे भी अवश्य परेशान होंगे। 

यह सूचना श्री केदारनाथ पुलिस के माध्यम से मन्दिर परिसर पहुंची तो इन बच्चों के माता-पिता दौड़े-दौड़े पुलिस के पास आये। पता चला कि बच्चे कहीं न कहीं पर पुलिस के पास ही सुरक्षित हैं तो उनकी भी जान में जान आयी। श्री केदारनाथ से संदेशा पहुंचाया गया कि, बच्चों के माता पिता से सम्पर्क हो गया है, वे अब वहीं की ओर वापस आ रहे हैं। देर शाम तक माता-पिता (पूजा एवं गौरव निवासी गुजरात) के भीमबली तक पहुंचने पर उन्होंने पाया कि, उनके दोनो मासूम बच्चे वहां पर नियुक्त पुलिस कार्मिकों से घुल-मिल गये थे और आपस में खेल रहे थे। चौकी भीमबली पुलिस द्वारा माता-पिता को सख्त हिदायत दी कि, आपको इस तरीके से अपने बच्चों के आस-पास ही चलना चाहिये था या फिर अपने ही साथ लेकर जाना चाहिए था। उनके द्वारा बच्चों के सकुशल मिलने पर पुलिस का आभार प्रकट किया गया तथा अपने बच्चों को लेकर अपने गन्तव्य के लिए निकल पड़े।


संदेशः 

श्री केदारनाथ धाम यात्रा पर आये सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि, भरे-पूरे परिवार के साथ यात्रा करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि, सब लोग एक ही प्रकार के माध्यम से यात्रा करें। या तो सब पैदल ही चलें धीरे-धीरे सफर का आनन्द लेते हुए। या फिर घोड़े से जा रहे हैं तो सभी घोड़े से ही जायें। क्योंकि श्री केदारनाथ जाने का पैदल रास्ता ऐसा है कि, जरूरी नहीं कि, पैदल श्रद्धालु घोड़े वाले की बराबरी कर सके। परिवार के सदस्यों के बिछड़ने पर पुलिस तो मिला ही देगी पर जो मानसिक रूप से परेशानी आपको होगी, उसकी कोई दवा तो नहीं है न......इसलिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

यह भी पढ़ें - परिजनों से बिछड़ी बच्ची को मिलाया पुलिस ने, परिजन हुए खुश


Comments