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उत्तराखण्ड के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, देश को जिताया थॉमस कप

उत्तर नारी डेस्क

73 साल में पहली बार थॉमस कप का फाइनल खेलना अपने आप में बड़ी बात है और उसे जीतना इतिहास रच देने के बराबर है। क्योंकि थॉमस कप इतना कठिन है कि इसे आज तक सिर्फ छह देश ही जीत पाए हैं। और इसे जीतने वाला छठा देश वही है जिसे हम सब अपना घर कहते हैं। जी हां, भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने बैडमिंटन की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को अपने नाम किया है। बता दें, थॉमस कप बैडमिंटन 2022 के फाइनल मैच बैंकॉक के इम्पैक्ट एरिना में खेला जा रहा है। यहां भारत के लक्ष्य सेन ने दमदार शुरुआत की। उन्होंने इंडोनेशिया के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 21-8, 17-21, 16-21 से हराकर टीम इंडिया को 1-0 की बढ़त दिलाई।

बता दें, भारतीय मेंस बैडमिंटन टीम ने थॉमस कप जीतकर इतिहास रच दिया है। भारतीय टीम ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया की टीम को हराकर यह कारनामा अपने नाम किया है। यह जीत उत्तराखण्ड के लिए एक और वजह से भी खास है। दरअसल मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रहने वाले युवा शटलर लक्ष्य सेन ने इस ऐतिहासिक जीत की नींव रखी थी। वह लक्ष्य सेन ही थे, जिसने इंडोनेशिया को पहले ही बैकफुट पर धकेल दिया था। वहीं, भारतीय टीम ने अन्य दो मैच जीतकर इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर इतिहास रच दिया। इस मौके पर लक्ष्य सेन को हर तरफ से बधाइयां मिल रही हैं लक्ष्य के पिता और कोच डीके सेन का कहना है कि भारतीय बैडमिंटन टीम ने मील का पत्थर स्थापित किया है हम खुश हैं यह यादगार पल है। 

थामस कप जीतने के बाद युवा शटलर लक्ष्य सेन ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा कि हमने कर दिखाया, हम भारतीय हैं। जीत के बाद लक्ष्य ने अनोखे अंदाज में जीत का जश्न मनाया। लक्ष्य जीत के बाद बैडमिंटन कोर्ट पर लेट गए। इसी अंदाज में उन्होंने अपनी फोटो ट्विटर पर साझा की है।

इस बीच, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक ट्वीट कर के अल्मोड़ा के रहने वाले उत्तराखण्ड के सपूत, प्रतिभावान बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं, जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय बैडमिंटन टीम को थामस कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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