उत्तर नारी डेस्क
देश समेत राज्य में जिस प्रकार दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसी घटनाएं आने वाले समय भी कम होने के जगह बढ़ती जाएंगी। सरकार को कोई ठोस कानून बनाना चाहिए ताकि बेटियां घर के बाहर और अंदर दोनों जगह सुरक्षित महसूस कर सकें क्योंकि आजकल तो बेटियां घर के बाहर ही नहीं घर के अंदर भी असुरक्षित हैं। इस प्रकार के मामले पहले भी आ चुके हैं जिन्होंने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया। ऐसा ही मामला हरिद्वार से सामने आया है। जहां एक ससुर ने दहेज पूरी नहीं होने पर अपनी ही पुत्रवधु को अपनी हवस का शिकार बनाया। आरोप है कि दहेज के लिए पहले विवाहित को प्रताड़ित किया गया और जब इतने से भी ससुराल वालों का मन नहीं भरा तो पीड़िता के जेठ और जेठानी ने भी उसके साथ मारपीट की। वहीं, जब पीड़िता इंसाफ के लिए पुलिस के पास गई तो उसे वहां से भी उसे दुत्कार दिया गया। जिसके बाद पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया।
जानकारी के अनुसार, ये पूरा मामला गढ़ मीरपुर गांव का है। पीड़िता ने पुलिस को तहरीर में बताया कि उसकी शादी में उसके घरवालों ने अपनी हैसियत से अधिक का दहेज दिया था, लेकिन ससुराल वाले इससे भी खुश नहीं हुए थे। फिर शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। जेठ और जेठानी लगातार उसका उत्पीड़न कर रहे थे। यही नहीं उसके पति ने भी उसका साथ न देते हुए अपने घरवालों का ही साथ दिया। पीड़िता जैसे-तैसे कर के ये सब सहन करती रही, लेकिन हद तो तब हो गई है, जब दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर ससुर ने ही उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता मदद के लिए पुलिस के पास गई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लेते हुए न कोई कार्यवाही की और न नहीं मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, बुधवार को कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया।
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