उत्तर नारी डेस्क
विधि
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सर्वप्रथम स्नान कर शुद्ध धोती/साड़ी या वस्त्र पहनकर पूर्व की ओर मुंह कर बैठे। अब अपने सामने बाजोट पर एक पात्र स्थापित करें व उससे सिद्धिप्रद चक्र, सर्वकार्य सिद्धि कल्प स्थापित करें। रुद्राक्ष माला भी साथ ही रखें।
अब अपने हाथ में थोड़ा सा जल लेकर अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु सकंल्प करें। मैं (अपना नाम, पिता का नाम, विवाहित स्त्रियां अपने पति का नाम लें, गौत्र व शहर का नाम बोलकर) अपने गुरु व इष्ट का ध्यान करते हुए अपनी समस्त कामनाओं की पूर्ति हेतु श्रावण मास साधना सम्पन्न कर रहा हूं। भगवान शिव मेरा पूजन सफल करें। यह बोलकर जल छोड़ दें। फिर शुद्ध जल में थोड़ा-सा कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करते हुए सामग्री पर छिड़कें। अब यंत्र एवं सिद्धि चक्र पर केसर और कुमकुम की बिंदी लगाएं और पुष्प फल, बिल्व पत्र इत्यादि अर्पण करें। अबीर, गुलाल, अक्षता इत्यादि से सुसज्जित करें।
मंत्र
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पंच तात्वाय पूर्ण कार्य सिद्धिं देहि देहि सदाशिवाय नमः||
प्रत्येक सोमवार उपरोक्त मंत्र की 3 माला जपें। जाप के पश्चात सामग्री यों ही पूजा स्थान पर पात्र में रखी रहने दें। नित्य सुबह-सुबह दीप प्रज्जवलित करें। श्रावण मास के अंतिम दिन इस सामग्री को लाल वस्त्र में लपेटकर किसी शिव मंदिर में जाकर शिव चरणों में अर्पित कर दें। इस साधना को आवश्यकता अनुसार श्रावण मास के बाद भी जारी रखा जा सकता है। इस प्रकार साधक शीघ्र ही मनोवांछित सफलता प्राप्त करने में सफल हो पाता है।
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