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पढ़ें माता लक्ष्मी से जुड़ी रक्षाबंधन की कहानी, साथ ही जानें इस वर्ष के रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

उत्तर नारी डेस्क

जो भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास को और बढ़ता है, जो भाई-बहन के अटुट प्रेम की डोर को हमेशा जोड़े रखता है, जो भाई की लम्बी उम्र की कामना करना सिखाता हैं और बहन की जीवन भर रक्षा करने का वचन दिलाता है वही है रक्षाबंधन का त्योहार। रक्षाबंधन हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व है, जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। 

बता दें कि भाई बहन के खूबसूरत रिश्ते को समर्पित त्यौहार रक्षाबंधन आज यानी 11 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। ये त्यौहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं। इस दिन बहनें अपने प्यारे भाई को टीका करती हैं और उसकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं (जिसे हम राखी कहते है) और उनकी सुखी जीवन की कामना करती है। वहीं, भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन और उपहार देते हैं। इस दिन हर तरफ खुशनुमा माहौल रहता हैं। 

रक्षाबंधन पर कहानी

हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के रक्षाबंधन सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बलि की राखी बांधकर अपना भाई बना लिया था। भगवत पुराण और विष्णु पुराण के आधार पर यह माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को हरा कर तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया, तो बलि ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्राह किया। भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गये। हालाँकि भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी को भगवान विष्णु और बलि की मित्रता अच्छी नहीं लग रही थी, अतः उन्होंने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया। इसके बाद माँ लक्ष्मी ने बलि को रक्षा धागा बाँध कर भाई बना लिया। इस पर बलि ने लक्ष्मी से मनचाहा उपहार मांगने के लिए कहा। इस पर माँ लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को इस वचन से मुक्त करे कि भगवान विष्णु उसके महल मे रहेंगे। बलि ने ये बात मान ली और साथ ही माँ लक्ष्मी को अपनी बहन के रूप में भी स्वीकारा। 

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 

सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 11 अगस्त 2022,सुबह 10 बजकर 38 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समापन- 12 अगस्त 2022, सुबह 07 बजकर 06 मिनट पर

रक्षाबंधन में भद्रा काल प्रारंभ- 11 अगस्त 2022, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 

रक्षाबंधन भद्रा काल समापन- 11 अगस्त 2022, रात 8 बजकर 51 मिनट पर

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त, 2022 को 08:51 अपराह्न से रात 09:12 तक

अभिजीत मुहूर्त - 12 अगस्त 2022, सुबह 11 बजकर 59 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट पर 

शुभ चौघड़िया समय- 12 अगस्त 2022, दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से  02बजकर 05 मिनट तक

रक्षाबंधन का महत्व

यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का प्रतीक माना जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के स्नेह के साथ सामाजिक संबंध को मजबूत बनाता है। इस दिन भाई अपने बहन के सभी दायित्वों को निभाने का वचन लेते हैं, तो बहन भी भगवान से अपने भाई की दीर्घायु की कामना करती हैं।

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