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उत्तराखण्ड : UKD ने की UKSSSC व UKPSC समेत सरकारी भर्तियों की CBI जांच की मांग

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड क्रान्ति दल द्वारा राज्यपाल उत्तराखण्ड को SDM कोटद्वार के माध्यम से उत्तराखण्ड में UKSSSC, UKPSC, विधानसभा प्रशासन व अन्य सरकारी विभागों की नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार व घोटालों के संदर्भ में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखण्ड राज्य देश का पहला राज्य है जिसे प्राप्त करने के लिए यहां के 42 से अधिक लोगों ने अपनी शहादत दी जिनमे दो महिलाएं भी थी। जिसके पीछे मुख्य उद्देश्य यहां के युवाओं का पलायन रोकना, उनके लिए शिक्षा के एवम रोजगार के अवसर पैदा करना तथा पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सुविधाएं जुटाना था। इसके लिए उत्तराखण्ड में अगर सही नीतियां बनती तो यहां के अनगिनित प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग कर हमारा प्रदेश 10- 15 वर्षों में समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम था।

"पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नही आई "

उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर डी डी पंत का अलग राज्य का बिगुल फूंकने व पर्वतीय इंद्रमणि बडोनी की अगुवाई, कुशल नेतृत्व में राज्य की लड़ाई के पीछे यही उद्देष्य था। जिसे अपने चुनावी दौरों के दौरान देश के प्रधानमंत्री मोदी ने भी बड़ी पीड़ा के साथ अपने भाषणों में व्यक्त किया था। उत्तराखण्ड में गत कई वर्षों से यूकेएसएसएससी व यूकेपीएससी, विधानसभा प्रशासन और कई सरकारी विभाग विभाग द्वारा की जा रही नियुक्तियों में गंभीर भ्रष्टाचार और घोटालों की शिकायतें पाई गई है। जो अब प्रमाणित होकर जन बीच उजागर हो चुकी हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी के पास इसकी जांच कराने के अतिरिक्त कोई रास्ता भी नहीं है। परंतु ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार के प्रकरणों की जांच राज्य की ही एजेंसियां कर रही हैं, जो की संदेह के दायरे में रहेंगी, क्योंकि इस प्रकरण में जिन हस्तियों के नाम आ रहे हैं वे सत्तासीन दल से सीधे तौर पर जुड़े है जो हर हाल में जांच को प्रभावित करने की हैसियत रखते हैं। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल राज्य की ही सरकारी जांच एजेंसियों द्वारा जांच कराने का समर्थन नहीं करता है। जनता का भी मानना है कि राज्य सरकार में बैठे भ्रष्ट राजनेता और भ्रष्ट शीर्ष अधिकारी जिनका इन भ्रष्टाचार और घोटालों को संरक्षण प्राप्त है, उन पर जांच एजेंसी हाथ नहीं डालेगी, उनको जांच की परिधि में नहीं लिया जाएगा और ये उच्च स्तरीय भ्रष्ट राजनेता और अधिकारी साफ बच जाएंगे।

यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी, विधानसभा प्रशासन, ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों सहित राज्य के सभी विभागों में हुई नियुक्तियों में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप है। निर्लज्जता की सीमा तो यहां तक लांघी गई है कि एक महिला अभ्यर्थी ने आयोग के एक सदस्य पर आरोप लगाया कि उसने मेरे चयन करने के बदले में मुझसे सेक्सुअल अफेयर करने की मांग की। ऐसी मृत्यु तुल्य प्रताड़ना देकर आज प्रतिभावान युवाओं को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन्हीं कारणों से उत्तराखण्ड राज्य की छवि धूमिल और दागदार हो रही है।

अतः उत्तराखण्ड क्रान्ति दल आपसे प्रबल मांग करता है कि यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी, विधानसभा प्रशासन और ऊर्जा विभाग सहित अन्य सभी सरकारी विभागों में विगत 22 वर्षों में हुई नियुक्तियों की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि उत्तराखण्ड के प्रतिभाशाली बेरोजगारों को न्याय मिले और उत्तराखण्ड की छवि को बेदाग बनाया जा सके।

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